पोस्टमार्टम ड्यूटी के विवाद में बंटा सेहत मेहकमा
जिले के लोग डेंगू और बुखार से तप रहे हैं। लेकिन जिले का सेहत महकमे में तनानती है।
बागपत, जेएनएन। जिले के लोग डेंगू और बुखार से तप रहे हैं। लेकिन जिले का सेहत महकमे में पोस्टमार्टम ड्यूटी को लेकर तनातनी बढ़ रही है। जिला अस्पताल की ओर से सीएमएस है और दूसरी ओर सीएचसी-पीएचसी की तरफ से सीएमओ। इसका विवाद अब डीएम दरबार तक पहुंचा गया है।
अभी फिलहाल में जिला अस्पताल के डाक्टर पोस्टमार्टम कर रहे हैं। सीएचसी और पीएचसी के डाक्टरों के लिए भी पोस्टमार्टम करने का आदेश हैं। अब पोस्टमार्टम ड्यूटी को लेकर विवाद खड़ा हो रहा है। सीएमएस डा. एके सैनी का कहना है कि जिला अस्पताल के ही डाक्टर पोस्टमार्टम कर रहे हैं। शासनादेश है कि सीएचसी और पीएचसी के डाक्टरों की भी पोस्टमार्टम के लिए ड्यूटी लगाई जाएगी। जबकि ऐसा नहीं हो रहा है। जो डाक्टर पोस्टमार्टम कर रहे थे, उनके अवकाश को भी कम कर दिया गया है। अब डाक्टर तनाव ग्रस्त हो गए हैं। सीएमओ से मांग कर चुके है कि सीएचसी और पीएचसी के डाक्टरों का पोस्टमार्टम के लिए ड्यूटी लगाई जाए, जिससे जिला अस्पताल के डाक्टर मरीजों का इलाज कर सकें। तनाव के चलते अब डाक्टर लंबी छुट्टी के लिए आवेदन कर रहे हैं।
उधर, सीएमओ डा. दिनेश कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम ड्यूटी पर सीएचसी-पीएचसी के डाक्टर चले जाएंगे, तो स्वास्थ्य से संबंधित चल रही योजनाएं ठप हो जाएगी। लोगों को स्वास्थ्य का लाभ नहीं मिल सकेगा। ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ेगा। अभी सबसे महत्वपूर्ण कार्य कोरोना का टीकाकरण चल रहा है। नियमित टीकाकरण और अन्य योजना भी है। सीएचसी व पीएचसी पर तैनात चिकित्सकों का पोस्टमार्टम कर पाना मुमकिन नहीं है। इस संबंध में सीएमएस से बैठकर बात करेंगे। कोई विवाद का विषय नहीं है। एक सप्ताह में एक चिकित्सक ने दे दिया त्याग पत्र
शासन से जिला अस्पताल के लिए एक इमरजेंसी मेडिकल आफिसर की नियुक्त की गई थी। उन्होंने एक सप्ताह पहले आकर पदभार ग्रहण कर लिया था। एक सप्ताह तक जब ड्यूटी पर नहीं लौटे तो सीएमएस डा. एके सैनी ने उनसे फोन पर बात की। उन्होंने ड्यूटी करने से इन्कार कर दिया। वाट्सएप एप पर ही अपना त्याग पत्र दे दिया।