आधी आबादी थामेगी जल संचय की डोर

डार्क जोन बागपत के लिए अच्छी खबर। महिलाओं को पानी की बर्बादी रोकने की कमान मिलेगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 12:03 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 12:03 AM (IST)
आधी आबादी थामेगी जल संचय की डोर
आधी आबादी थामेगी जल संचय की डोर

बागपत, जेएनएन। डार्क जोन बागपत के लिए अच्छी खबर। महिलाओं को पानी की बर्बादी रोकने की कमान मिलेगी। हजारों महिलाएं गांव-गांव जल बचाओ अभियान चलाकर घर-घर पानी की महत्ता समझाकर बूंदों को सहेजने की अपील करेंगी।

राष्ट्रीय आजीविका मिशन में गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को कैच द रेन अभियान को आम जन तक पहुंचाने का जिम्मा मिलेगा। बागपत में चार हजार स्वयं सहायता समूहों की 40 हजार महिलाओं

को 281 गांवों में ग्रामीणों को जागरूक कराने का काम करेंगी। इन महिलाओं को पानी की महत्ता व वर्षा

जल सहेजने की बेसिक जानकारी देकर गांव-गांव भेजा जाएगा ताकि वहां दूसरे ग्रामीणों को को प्रेरित कर सकें।

महिलाओं की गांव वार टीम बनेंगी। महिलाओं की टीम गांवों में प्रभात फेरी एवं रैली निकालने, सावर्जनिक स्थानों पर जल संचय को बढ़ावा देने वाले स्लोगन और नारे लिखने, पानी की बर्बादी करने वाले लोगों को समझाने जैसे काम करेंगी। वर्षा जल सहेजकर जमींदोज करने तथा रसोई को छोड़कर दूसरे घरेलू काम में इस्तेमाल करने का तरीका भी ग्रामीणों को बताएंगी।

यानी ये महिलाएं खुद के साथ दूसरों में भी जल संचय करने की आदत विकसित करेंगी ताकि गांवों में सकारात्मक माहौल बनें। यदि वाकई यह काम धरातल हुआ तो फिर बागपत के माथे से डार्क जोन का कलंक मिटना तय है। भयावह स्थिति

बागपत की धरती में वार्षिक 49628 हेक्टेयर मीटर पानी उपलब्ध है जिसमें 48748 हेक्टेयर मीटर पानी की निकासी करते है। केवल 326 हेक्टेयर मीटर पानी छोड़ रहे हैं। केंद्रीय भूजल बोर्ड साल 2012 में बागपत को डार्क जोन घोषित कर चुका है।

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गिरते भूजल स्तर को रोकने को जल संचय बेहद जरुरी है। पंचायत चुनाव के बाद स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं गांवों में जन जागरूकता अभियान चलाएंगी।

-ब्रजभूषण सिंह, उपायुक्त-राष्ट्रीय आजीविका मिशन

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