बेटियों के हक पर लापरवाही की कुंडली
कन्या भ्रूण हत्या रोककर बेटियों को बढ़ावा देने को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को लेकर सरकारी तंत्र गंभीर नहीं है।
बागपत, जेएनएन। कन्या भ्रूण हत्या रोककर बेटियों को बढ़ावा देने को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को लेकर सरकारी तंत्र कतई गंभीर नहीं है। हजारों बेटियों के आवेदन धूल फांक रहे, क्योंकि अधिकारियों को परवाह नहीं है। वहीं सैकड़ों बेटियों को गलत खाते होने से पैसा नहीं मिला।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में कुल 11849 बेटियों के आनलाइन आवेदन कराए गए। इनमें 6924 बेटियों के बैंक खातों में 1.21 करोड़ 36 हजार रुपये पहुंचा। वहीं 959 बेटियां बैंक खाते गलत होने से लाभान्वित नहीं हो सकी। बाकी हजारों बेटियों के आवेदन एसडीएम, खंड शिक्षा अधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों के पास लंबित है। फिर कैसे बेटियों को भेदभाव से मुक्ति और सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। किसे कितना पैसा
शून्य से छह माह तक की बालिका को 2000 रुपये, एक वर्ष की बेटी को 1000 रुपये, पहली कक्षा में प्रवेश लेने वाले बेटी को 2000 रुपये,
कक्षा छह में प्रवेश लेने वाली बेटी को 2000 रुपये, कक्षा नौ में प्रवेश लेने वाली बेटी को 3000 रुपये और कक्षा 12वीं कक्षा पास कर स्नातक
या दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने पर बेटी को 5000 रुपये मिलते हैं। इन्हें मिलेगा लाभ
-लाभार्थी का परिवार उप्र का निवासी हो, वार्षिक आय तीन लाख रुपये से ज्यादा न हो। एक परिवार की दो बेटियों तक लाभ मिलेगा। परिवार में दो बच्चों से ज्यादा न हों। किसी महिला को पहले प्रसव में बालिका है और दूसरे प्रसव में दो जुड़वा बेटी जन्म लेती हैं तो तीनों बेटियों को लाभ मिलेगा।
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-विभिन्न विभागों के अधिकारियों के स्तर पर लंबित आवेदनों का निस्तारण कराने तथा गलत बैंक खातों को सही कराने का काम चल रहा है। हजारों बेटियों को लाभान्वित किया जा चुका है।
-तूलिका शर्मा-जिला प्रोबेशन अधिकारी