बायोगैस प्लांट से आत्मनिर्भर बनेंगी गोशाला

प्रदेश सरकार ने 1.20 करोड़ रुपये की लागत से छह गो आश्रय स्थलों में बायोगैस प्लांट लगवाने की कवायद शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 06:10 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 06:10 PM (IST)
बायोगैस प्लांट से आत्मनिर्भर बनेंगी गोशाला
बायोगैस प्लांट से आत्मनिर्भर बनेंगी गोशाला

जेएनएन, बागपत। प्रदेश सरकार ने 1.20 करोड़ रुपये की लागत से छह गो आश्रय स्थलों में बायोगैस प्लांट लगवाने की कवायद शुरू कर दी है।

बागपत में 25 गो आश्रय स्थलों में 3400 बेसहारा गोवंश हैं। अधिकांश गो आश्रय स्थलों में बिजली नहीं होने से गोवंश के लिए चारे और पानी की समस्या होती है। रात को अंधेरा रहता है, लेकिन अब सरूरपुर कला, खट्टा प्रहलादपुर मीतली, सिसाना, हिसावदा आदि गो आश्रय स्थलों में 60 घन मीटर क्षमता के बायोगैस प्लांट स्थापित कराने को पशुपालन विभाग में मंथन चल रहा है।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. रमेश चंद्र ने कहा की प्रत्येक बायोगैस प्लांट पर 20 लाख रुपये खर्चा आएगा। छह गो आश्रय स्थलों में बायोगैस प्लांट लगाने पर 1.20 करोड़ का प्रस्ताव पशुपालन निदेशालय को भेजा जाएगा। बायोगैस प्लांट लगने से बिजली खर्च बचेगा और गोबर खाद की बिक्री से गो आश्रय स्थलों की आय बढ़ेगी।

मुजावजे को लेकर सांसद से मिले किसान

मौजिजाबाद नांगल गांव में दिल्ली-देहरादून ग्रीन एक्सप्रेस-वे की भूमि अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर किसानों की बैठक हुई, जिसमें किसानों ने कहा कि वर्ष 2013 का सर्किल रेट नहीं वर्ष 2020 के सर्किल रेट से मुआवजा लेंगे। टीकरी, हिम्मतपुर सूजती, कंडेरा, मौजिजाबाद नांगल, गांगनौली आदि गांवों के किसानों ने बैठक में कहा कि एक्सप्रेस-वे में उनकी भी कृषि भूमि जा रही है, लेकिन मुआवजा वर्ष 2013 के सर्किल रेट पर देने की बात कही जा रही है। वर्ष 2020 के सर्किल रेट से मुआवजा दिया जाना चाहिए। बैठक के बाद किसान भाजपा सांसद डा. सत्यपाल सिंह से भी मिले। सांसद ने उन्हें एक्सप्रेस-वे के अधिकारियों से बात कर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। इस दौरान राजीव कुमार, सतेंद्र राठी, अशोक राठी, प्रताप सिंह, पुष्पेंद्र, सलाउद्दीन, हरेंद्र, अशोक, योगेंद्र आदि मौजूद रहे।

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