एफआर निरस्त, दारोगा समेत तीन अदालत में लब
सिपाही प्रवीण की कथित मौत के मामले में पुलिस को बड़ा झटका लगा है।
बागपत, जेएनएन। सिपाही प्रवीण की कथित मौत के मामले में पुलिस को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने प्रोटेस्ट अर्जी पर सुनवाई करते हुए पुलिस द्वारा केस में लगाई फाइनल रिपोर्ट (एफआर) को निरस्त कर दिया। साथ ही दारोगा समेत तीनों आरोपितों को तलब किया है।
बागपत के कस्बा टीकरी चौकी पर गत 31 अक्टूबर 2019 को सिपाही प्रवीण कुमार निवासी ग्राम गांव तरारा (अमरोहा) की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हुई थी। पुलिस अफसरों ने दावा किया था कि सिपाही ने तत्कालीन चौकी प्रभारी एसआइ भगवत सिंह की सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या की है। वहीं, सिपाही के स्वजन का आरोप है कि प्रवीण की हत्या एसआइ भगवत सिंह ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से की है। अदालत के आदेश पर आरोपितों के खिलाफ दोघट थाने में हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ था। बड़ौत सीओ आलोक सिंह ने केस की विवेचना कर फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। सिपाही प्रवीण के स्वजन ने अदालत में प्रोटेस्ट अर्जी दाखिल की थी।
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता सतेंद्र दांघड़ का कहना है कि एडीजे (विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट) शैलेंद्र पांडेय की अदालत ने प्रोटेस्ट अर्जी पर सोमवार को सुनवाई करते हुए केस की फाइनल रिपोर्ट को निरस्त कर दिया है। साथ ही आरोपित दारोगा भगवत सिंह को हत्या एवं हत्या के साक्ष्य मिटाने और हेड कांस्टेबल सत्यप्रकाश शर्मा एवं रसोइया पद्मावती को हत्या की साजिश रचने के आरोप में तलब किया है। केस के विचारण के लिए 25 अगस्त की तिथि नियत की गई है। केस के अहम साक्ष्य
अधिवक्ता सतेंद्र दांघड़ के मुताबिक केस डायरी में दर्ज बयान में चश्मदीद गवाह रमेश ने आरोपित दारोगा द्वारा गोली मारना बताया। गवाह सुखपाल ने दारोगा के हाथ में रिवाल्वर दिखने और गवाह जसवीर उर्फ जस्सू व विनोद ने दारोगा द्वारा घटना करना बताया है।