बाढ़ से बचाव के इंतजाम शुरू, बनाई नियंत्रण चौकियां

स्नद्यश्रश्रस्त्र ह्मद्गह्यष्ह्वद्ग ड्डह्मह्मड्डठ्ठद्दद्गद्वद्गठ्ठह्लह्य ह्यह्लड्डह्मह्लद्गस्त्र ष्श्रठ्ठह्लह्मश्रद्य श्चश्रह्यह्लह्य ढ्डह्वद्बद्यह्ल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 09:12 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 09:12 PM (IST)
बाढ़ से बचाव के इंतजाम शुरू, बनाई नियंत्रण चौकियां
बाढ़ से बचाव के इंतजाम शुरू, बनाई नियंत्रण चौकियां

बागपत, जेएनएन। यमुना और हिडन नदी में बाढ़ आएगी या नहीं और जान-माल की हानि होगी या नहीं, इस बारे में तो कुछ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन राहत की बात यह है कि सिचाई विभाग ने समय रहते फाइलों में बाढ़ नियंत्रण करने का जो खाका खींचा है, यदि उसके अनुसार धरातल पर काम हो गया तो बाढ़ से न तो जान की हानि होगी और न ही माल की। सिचाई विभाग ने दोनों नदियों के किनारे 12 बाढ़ नियंत्रण चौकियां बनवा दी हैं और दो बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी स्थापित कर दिए हैं। अधिकारी तटबंध और चौकियों का निरीक्षण कर व्यवस्था को सु²ढ़ बनाने में लगे हुए हैं।

जनपद में यमुना नदी के किनारे टांडा, नांगल, कुरड़ी, छपरौली, जागौस, कोताना, शबगा, बदरखा, लुहारी, सुल्तानपुर हटाना, खेड़ा इस्लामपुर, फैजपुर निनाना, नैथला, बागपत, काठा, पाली, मवीकलां, सांकरौद, सुभावनपुर आदि 23 गांव स्थित हैं। हिडन नदी किनारे बरनावा, गल्हैता आदि पांच गांव हैं। बरसात का मौसम शुरू हो गया है। लिहाजा दोनों नदियों में बाढ़ से बचाव के लिए काम शुरू करा दिए गए हैं।

सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता उत्कर्ष भारद्वाज ने बताया कि दोनों नदियों के किनारे बाढ़ नियंत्रण चौकियों और बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करा दिए हैं। नदियों के किनारे गांवों में मुनादी कराकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।

---

यहां बनीं बाढ़ नियंत्रण

चौकियां और कक्ष

हिडन नदी किनारे बिनौली थाना, बरनावा पुलिस चौकी, बामनौली पुलिस चौकी, रटौल पुलिस चौकी, बालैनी थाना, चांदीनगर थाना, जबकि यमुना नदी किनारे छपरौली थाना, प्राइमरी पाठशाला जागौस, पंचायत चौपाल कोताना, तहसील खेकड़ा, तहसील बागपत बाढ़ नियंत्रण चौकी बनाई गई है। कलक्ट्रेट और सिचाई विभाग कार्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया गया है।

---

हर साल होता है नुकसान

नैथला गांव के प्रमोद त्यागी, बदरखा गांव के राजकुमार, टांडा गांव के डाक्टर इरफान आदि ने बताया कि हर साल यमुना नदी में ज्यादा पानी आने से फसलें नष्ट हो जाती है, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हो जाता है। दूसरा कृषि भूमि का भी कटान होने से किसानों को भारी नुकसान होता है।

chat bot
आपका साथी