परशुरामेश्वर मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, हर-हर महादेव के लगे जयकारे

जिलेभर के शिवालयों में सावन के पहले सोमवार को शिवालयों में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 09:33 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 09:33 PM (IST)
परशुरामेश्वर मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, हर-हर महादेव के लगे जयकारे
परशुरामेश्वर मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, हर-हर महादेव के लगे जयकारे

बागपत, जेएनएन। जिलेभर के शिवालयों में सावन के पहले सोमवार को शिवालयों में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया है। वहीं, परशुरामेश्वर महादेव मंदिर में भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ गई। विधि विधान से पूजा-अर्चना की गई। जयकारों से माहौल भक्तिमय बन गया।

सावन के पहले सोमवार को मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी, जो दोपहर तक जारी रही। भांग धतूरा, पत्थर बेल और विभिन्न विधियों से भगवान पूजा-अर्चना की। जलाभिषेक हर परिवार में सुख शांति के लिए प्रार्थना की। वहीं, बालैनी क्षेत्र के पुरा महादेव गांव स्थित प्रसिद्ध परशुरामेश्वर महादेव मंदिर में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। शाम पांच बजे तक श्रद्धालु जल चढ़ाने के लिए पहुंचते रहे। दूर दराज से लोग मंदिर में भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचे। मंदिर में सुबह तीन बजे से ही श्रद्धालुओं के लाइन लगनी शुरू है, जिनके जयकारों दूर तक सुनाई दे रहे थे। भक्तों का आना शाम तक जारी रहा। पूजा-अर्चना के बाद भगवान आशुतोष से सुख-शांति की कामनाएं की। मुख्य पुजारी पंडित जयभगवान शर्मा ने बताया कि शाम तक एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। पांच बजे के बाद महादेव का श्रृंगार किया गया, जिनके दर्शन के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। मंदिर में सुरक्षा की ²ष्टि से चप्पे चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। सीओ युवराज सिंह सुबह से ही मंदिर में रहे व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराने में लगे रहे। कोरोना पर आस्था रही भारी

परशुमेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए कुछ नियम बनाए गए थे, लेकिन जब श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ गई तो सभी नियम-कायदे धरे के धरे रह गए। न कोरोना जांच रिपोर्ट देखी गई और न ही कोरोना टीकाकरण की। भक्तों के चेहरे पर मास्क तक नहीं थे। कोरोना पर आस्था भारी पड़ गई। सभी के मुख्य पर भोले जयकारे लग रहे थे। यह हाल केवल पुरा महादेव मंदिर का नहीं, बल्कि सभी शिवालयों का रहा है। भक्तों की आस्था के सामने सभी को नियमों बदलने पड़े।

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