बादल देख खिचीं किसानों के चेहरों पर चिता की लकीरें
मंगलवार को मौसम में बदलाव एवं आसमान में छाए बादलों से किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई। खेतों में गेहूं की फसल पकी खड़ी है या फिर कटी पड़ी है।
जेएनएन, बागपत। मंगलवार को मौसम में बदलाव एवं आसमान में छाए बादलों से किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई। खेतों में गेहूं की फसल पकी खड़ी है, या फिर कटी पड़ी है। वह थ्रेसर मशीन में निकाली जानी है, लेकिन मंगलवार को अचानक मौसम में आए बदलाव एवं आसमान में छाए बादलों के साथ शुरू हुई हल्की बूंदाबांदी ने किसानों की नींद उड़ा दी है। किसान गेहूं की फसल बचाने के लिए परेशान हैं। किसानों का कहना है कि यदि बारिश होती है तो गेहूं की फसल का अधिक नुकसान होगा। इस समय गेहूं की फसल पक चुकी है, जिसकी कटाई कराई जा रही है जो कट चुकी है वह अभी थ्रेसर मशीन की इंतजार में खेत में ही फैली पड़ी है। किसान दिनभर कहीं थ्रेसर मशीन चलवाते रहे तो कहीं गेहूं कटाई करते रहे तो कहीं कटी पुलियों को एकत्र करने में लगे रहे। उधर, यदि बारिश हुई तो सरसों की फसल को भी नुकसान होगा। बदलते मौसम ने उड़ाई किसानों की नींद
पल-पल बदलते मौसम से किसानों की नींद उड़ी है। मंगलवार दोपहर तक तेज धूप रही, लेकिन शाम को आकाश में घटा छा गई जिसे देख लगा कि कुछ ही पल में बारिश होने वाली है।
गनीमत रही कि वर्षा नहीं हुई, लेकिन इससे उन हजारों किसानों के चेहरों की हवाईयां उड़ती रही जिनकी गेहूं फसल खेतों में थ्रेसिग के इंतजार में पड़ी। बागपत में 55 हजार हेक्टेयर पर गेहूं की फसल है जिसमें 70 प्रतिशत की थ्रेसिग बाकी है। किसानों को डर है कि यदि बारिश हो गई तो उनकी छह माह की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।