श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के साथ मौत के आंकड़े भी स्याह
कोरोना महामारी अपना कहर बरपा रही है। घरों में लोग जिदगी-मौत के बीच जूझ रहे हैं।
बागपत, जेएनएन। कोरोना महामारी अपना कहर बरपा रही है। घरों में लोग जिदगी-मौत के बीच जूझ रहे हैं। महामारी, बुखार और दूसरी बीमारियों से ग्रामीण क्षेत्र में एक दिन में कई-कई लोग मर रहे हैं। श्मशान घाट में होते अंतिम संस्कार इसके गवाह हैं। दिनोंदिन मौत के यह आंकड़े बढ़ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग शहर, कस्बे और गांवों में बुखार और दूसरी बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या को कोविड-19 अस्पतालों में होने वाली मौतों के आंकड़ों से दूर रखे हुए है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े कहते हैं कि इस साल जनपद में कोरोना महामारी से 62 लोगों की मौत अभी तक हो चुकी है। वहीं, किरठल गांव के सुधीर प्रमुख, अंगदपुर गांव के पूर्व प्रधान चंद्रपाल श्योरान, रमाला के जितेंद्र सिंह, हिलवाड़ी गांव के अंकुश तोमर आदि लोगों की मानें तो हकीकत यह है कि शहर, कस्बे और गांवों में कोरोना महामारी और बुखार समेत दूसरी बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या इससे कई गुना अधिक पहुंच गई है। उदाहरण के तौर पर बड़ौत के एक ही श्मशान घाट में शवों के अंतिम संस्कारों की संख्या देखें, तो सौ का आंकड़ा पार हो गया है। इस तरह स्वास्थ्य विभाग मौत के आंकड़ों को भी छिपा रहा है।
सीएमओ डाक्टर आरके टंडन ने बताया कि जनपद में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या लगभग 70 है। इनमें बागपत और जनपद से बाहर अस्पतालों में हुई मौत भी शामिल हैं। गांवों में जो लोग मर रहे हैं, वह अन्य व पुरानी बीमारियों से मर रहे हैं। इसका आंकड़ा विभाग के पास नहीं है।