छोटे चौधरी के जाने से हर कोई आहत
चौधरी अजित सिंह के निधन से हर कोई स्तब्ध है। छोटे चौधरी के जाने का हर किसी को गम है।
बागपत, जेएनएन। चौधरी अजित सिंह के निधन से हर कोई स्तब्ध है। छोटे चौधरी के जाने का हर किसी को गहरा आघात लगा है। पार्टी कार्यकर्ताओं पर तो मानो बज्रपात वाली स्थित है। गांव-गांव मातम है और हर किसी की आंखें नम हैं। चाहे रालोद में आस्था न रखने वाले भी उनके निधन से खासे आहत हैं।
रालोद के राष्ट्रीय सचिव सुखबीर सिंह गठीना ने उनके निधन को पार्टी के लिए बड़ा झटका और अपूर्णीय क्षति बताया है। उनकी तरफ से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि चौधरी अजित सिंह एक ईमानदार राजनीतिज्ञ, छोटे राज्यों के पक्षधर थे। कौमी एकता के लिए किए गए उनके कार्य सदैव स्मरणीय रहेंगे। उनके सानिध्य में रहकर पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभालने को उन्होंने अपना सौभाग्य बताया।
----
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य एडवोकेट विनोद कुमार जैन की तरफ से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि चौधरी अजित सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन किसानों के लिए संघर्ष करते हुए बिताया। उन्होंने किसानों के हितों को लेकर कभी भी कोई समझौता नहीं किया फिर चाहे राजनीतिक रूप से उन्हें नुकसान ही क्यों न उठाना पड़ा हो।
--------
शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डा. अनुराग मित्तल बताते हैं कि इसी साल 12 फरवरी को चौधरी अजित सिंह के जन्मदिन पर उनके आवास पर जाकर मिलने का अवसर मिला। उनके मुताबिक, चौधरी साहब एक ऐसे नेता थे, जिनके दिल में अपने हर कार्यकर्ता के प्रति बेहद वात्सल्य था। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के साथ आए थे अजित सिंह
वर्ष 1998 में चौधरी अजित सिंह बड़ौत के जनता वैदिक कालेज में योग एवं चरित्र निर्माण शिविर के समापन समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के साथ आए थे, जिसमें उन्होंने युवाओं को योगसाधना से स्वस्थ रहकर अपना जीवन संस्कारित व सफल बनाने का आह्वान किया था। समारोह में मौजूद रहे प्रोफेसर बलजीत आर्य ने बताया कि उनका जाना किसान बिरादरी के लिए बहुत बड़ी क्षति है।