जिनालयों में श्री सिद्ध चक्र विधान का समापन, 1024 अर्घ्य चढ़ाए
अष्टानिका पर्व के आठवें दिन जिनालयों में चल रहे श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान का आयोजन किया।
बागपत, जेएनएन। अष्टानिका पर्व के आठवें दिन जिनालयों में चल रहे श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान का समापन हुआ। अंतिम दिन जैन श्रद्धालुओं द्वारा मंडल पर 1024 अर्घ्य समर्पित किए और विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया गया।
श्री अजितनाथ दिगंबर जैन प्राचीन मंदिर, मंडी में विधानाचार्य पंडित डा. श्रेयांस जैन के दिशा निर्देशन में इंद्रगणों ने जिनेंद्र भगवान की प्रतिमा का भक्ति भाव से अभिषेक किया। शांतिधारा सौधर्म इंद्र दिनेश जैन द्वारा की गई। नित्य नियम पूजन में नवदेवता पूजन, भगवान शांतिनाथ पूजन,और मुनि सुव्रतनाथ भगवान की पूजा की गई। विधान में सिद्ध भगवान की पूजा की गई और मंडल पर 1024 अर्ध्य समर्पित किए गए।रात्रि में मंदिर में आरती और प्रश्नमंच का आयोजन किया गया। विधान में दिनेश जैन, अंकुर जैन, शुभम जैन, रश्मि जैन, विपिन जैन, डिपल जैन, इंद्राणी जैन, अतिशय जैन, रजनी जैन, सरला जैन, सुभाष जैन, प्रदीप जैन आदि उपस्थित थे
उधर, श्री 1008 पार्श्वनाथ मंदिर में श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर कमेटी और अतिथि भवन में दिगंबर जैन समाज समिति व पुजारी संघ के तत्वावधान में चल रहे श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान में अंतिम दिन 1024 अर्घ्य चढ़ाकर विधि विधान से हवन के साथ समापन किया गया। विधान में अशोक जैन, अक्षय जैन, आदीश जैन, अनुज जैन पारस, सचिन जैन भारती, नमन जैन, ऋषभ जैन, सौरभ जैन, प्रदीप जैन, समर्पण जैन, सुपार्श्व जैन आदि शामिल हुए। जैन मंदिर में श्रद्धालुओं ने चढ़ाए अर्घ्य
बरनावा के श्री दिगंबर जैन मंदिर में शनिवार को अष्टानिक पर्व पर ब्रह्मचारी मनीष भैया के निर्देशन में भगवान का अभिषेक, शांतिधारा, नित्य नियम पूजन, नंदीश्वर दीप की विशेष पूजा अर्चना की गई।
श्रद्धालुओं ने चंदप्रभ भगवान को अर्घ्य समर्पित किए। इस अवसर पर मनीष भैया ने आषाढ़ माह में अष्टानिक पर्व एवं गुरु पूर्णिमा का महत्व बताया। इस अवसर पर संजय जैन, संदीप जैन, पंकज जैन, विरेंद्र जैन, विशाल जैन, मनोज जैन, मोहित जैन आदि मौजूद रहे।