त्याग की भावना को अंगीकार करने का अनुयायियों से आह्वान

दशलक्षण महापर्व के शुक्रवार को आठ दिन पूरे हो गए। आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म अपनाने का संकल्प लेते हुए जन श्रद्धालुओं ने भगवान शांतिनाथ की पूजा की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 06:23 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 06:23 PM (IST)
त्याग की भावना को अंगीकार करने का अनुयायियों से आह्वान
त्याग की भावना को अंगीकार करने का अनुयायियों से आह्वान

बागपत, जेएनएन। दशलक्षण महापर्व के शुक्रवार को आठ दिन पूरे हो गए। आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म को अंगीकार किया गया। मंत्रोच्चारण के साथ श्री जी की पूजा की गई, साथ ही शांतिधारा, अभिषेक किया और अ‌र्घ्य समर्पित किए गए। धार्मिक प्रतियोगिता में विजेताओं को सम्मानित किया गया।

शहर के दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में विधि विधान के साथ भगवान श्री पारसनाथ की प्रतिमा को मंदिर प्रांगण में पांडुक शिला पर विराजमान किया गया। भगवान का अभिषेक और शांतिधारा कराई गई। शांतिधारा करने का सौभाग्य मुकुल जैन, अनिल जैन, इंद्रसेन जैन, आलोक जैन, ऋषभ जैन, आकाश जैन को प्राप्त हुआ। नित्य नियम की पूजा और उसके उपरांत दशलक्षण महापर्व की पूजा में उत्तम त्याग धर्म की पूजा प्रारंभ हुई। श्री अष्टम पूजाधिकार विधान का आयोजन किया गया। विधान में शुभम जैन, अर्नव, प्रेरणा जैन, नितिन जैन आदि परिवार की तरफ से विधान का आयोजन किया गया। विधान की क्रियाएं प्रारंभ हुई, जिसमें जैन समाज के बच्चों ने मंदिर प्रांगण में विराजमान श्री पारसनाथ भगवान के सन्मुख बनाए गए मांडले पर 54 अ‌र्घ्य समर्पित किए गए। मयंक जैन ने उत्तम त्याग धर्म पर प्रकाश डाला। सांस्कृतिक कार्यक्रम में नाटिका प्रतियोगिता शुरू हुई, जिसमें सभी ने धार्मिक क्रियाएं और विचारों को भजन के माध्यम से प्रस्तुत किया। नाटिका प्रतियोगिता के सभी विजेताओं को जैन सेवा संघ बागपत द्वारा सम्मानित किया। कार्यक्रम में पीयूष जैन, पंकज जैन, मुन्ना जैन, अतुल जैन, कमल, अनमोल, कामिनी जैन आदि श्रद्धालु मौजूद रहे। मयंक जैन ने बताया कि 21 सितंबर को श्री 1008 भगवान पारस नाथ भगवान की पालकी यात्रा निकाली जाएगी।

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उत्तम त्याग धर्म

की आराधना की

संवाद सूत्र, अमीनगर सराय: दशलक्षण महापर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म की आराधना की गई। तीन लोक महामंडल विधान में अ‌र्घ्य चढ़ाए। बच्चों ने धर्म संबंधी प्रश्नों के उत्तर दिए। पर्यूषण पर्व के आठवें दिन श्रद्धालुओं ने उत्तम त्याग धर्म की आराधना की व तीन लोक महामंडल विधान में अ‌र्घ्य चढ़ाए। शिवम शास्त्री ने श्रद्धालुओं को उत्तम त्याग धर्म के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि त्याग की भावना परोपकार की भावना होती है। सभी को त्याग की भावना को अंगीकार करना चाहिए। इस अवसर पर बच्चों से धार्मिक प्रश्न पूछे गए। कार्यक्रम का संचालन दिनेश जैन ने किया। इस धर्मसभा में जयकुमार जैन, राजेश जैन, अरुण जैन, पारस जैन, अंकित जैन, रितिक जैन, सुधारस जैन, अंकुर जैन, अंकित जैन, अन्वी जैन आदि मौजूद रहे।

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