बुझ गया शिक्षा का उजियारा फैलाना वाला चिराग
शिक्षक नेता ओमप्रकाश शर्मा के निधन से बागपत को गहरा सदमा लगा।
बागपत, जेएनएन। शिक्षक नेता ओमप्रकाश शर्मा के निधन से बागपत को गहरा सदमा लगा। पांच दशक से ज्यादा के सियासी सफर में ओम प्रकाश शर्मा बागपत के लिए और बागपत उनके लिए मजबूती से डटे रहे। बागपत से उनका इतना लगाव था कि यहां उन्होंने शिक्षा का उजियारा उन अंधेरी सुरंगों तक पहुंचाया जहां निजाम पहुंचने में नाकाम रहा।
माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष स्व. ओमप्रकाश शर्मा की बागपत जन्म स्थली और कर्मस्थली रहा। हिम्मतपुर सूजती गांव में जन्मे ओमप्रकाश शर्मा ने शिक्षकों और शिक्षा के लिए आवाज बुलंद कर प्रदेश में बागपत को नई पहचान दिलाने का काम किया। उनका बागपत से इतना गहरा लगाव था कि सुख-दुख में बागपत के न जाने कितने परिवारों में आते रहे। 48 साल के विधान परिषद सदस्य के कार्यकाल में उन्होंने गांव और कस्बों के स्कूलों में विधायक निधि से काम कराने में कसर नहीं रखीं थी।
सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य जयपला शर्मा ने बताया कि जिला मुख्यालय बागपत नगर स्थित श्री यमुना इंटर कालेज की तो उन्होंने ऐसा कायाकल्प कराया कि लोग शानदार भवन को देख उनके काम की तारीफ किए बिना नहीं रहते। माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि साल 1997 में जिला बनने के बाद शर्मा जी ने उन्हें मंत्री और बल्लम सिंह शर्मा को जिलाध्यक्ष बनाया और आज तक इन पदों पर हैं। बोले कि शर्मा जी ने अपनी विधायक निधि से छोटे बड़े 150 स्कूलों में विकास कराया। उनका जाना शिक्षक जगत को गहरी चोट है। वहीं शिक्षकों को अफसोस है कि शर्मा जी जिदगी की सांझ में गत दिनों विधान परिषद का चुनाव हा हर गए। गांव में छाया शोक
-शिक्षक नेता ओमप्रकाश शर्मा के निधन की सूचना से उनके पैतृक गांव में शोक है। गांव में उनके चचेरे भाई कृष्णपाल रहते हैं, जिन्होंने बताया कि ओमप्रकाश शर्मा की गांव में मकान की जमीन पड़ी है। वह पढ़ाई के समय में ही मेरठ जाकर बस गए थे, लेकिन देव स्थल पूजने और होली एवं दीपावली का त्योहार मनाने के लिए ओमप्रकाश शर्मा जी हिम्मतपुर सूजती आते थे। गांव के पूर्व प्रधान किरतपाल, शौकीन राठी, राहुल और बिजेंद्र राठी समेत अनेक ग्रामीणों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।