वैदिक साहित्य में मिला यज्ञों का वर्णन: रवि

दोघट कस्बे में जिला आर्य प्रतिनिधि सभा बागपत के तत्वावधान में पर्यावरण शुद्धि के लिए यज्ञ जरूरी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 09:55 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 09:55 PM (IST)
वैदिक साहित्य में मिला यज्ञों का वर्णन: रवि
वैदिक साहित्य में मिला यज्ञों का वर्णन: रवि

बागपत, जेएनएन। दोघट कस्बे में जिला आर्य प्रतिनिधि सभा बागपत के तत्वावधान में पर्यावरण शुद्धि के लिए चलाए जा रहे यज्ञ में डाक्टर रवि शास्त्री ने कहा कि यज्ञ भारतीय संस्कृति के अनुसार प्राणियों के जीवन का आधार है। अग्नि में दी गई औषधि युक्त सामग्री की आहुति वायुमंडल में पहुंचती है, जिससे वायु की शुद्धि होती है। यज्ञ चिकित्सा द्वारा अनेक रोगों का निवारण किया जा सकता है। वैदिक साहित्य में यज्ञों का वर्णन मिलता है। महाभारत काल तक दैनिक यज्ञ के साथ बड़े-बड़े यज्ञों का वर्णन मिलता है। वैज्ञानिकों ने वायु शुद्धि एवं रोग निवारण का आधार यज्ञ माना है। यज्ञ गांव की शुद्धि के लिए किया गया। समिधा घी एवं औषधि युक्त सामग्री का यज्ञ किया गया। इस अवसर पर मांगेराम आर्य, विजय सिंह राठी, यशवीर आर्य, अमर पाल आर्य, एडवोकेट सुनील पंवार, सागर आर्य, महिपाल, प्रवीण, कालूराम, इंद्रपाल,, धर्मपाल, रामनिवास गुप्ता, पुष्पेंद्र, पंकज आदि मौजूद रहे। शिक्षाविद् को जयंती पर अर्पित किए श्रद्धासुमन

मूलरूप से नगर के औरंगाबाद मोहल्ला के रहने वाले पंडित डालचंद शर्मा ने क्षेत्र में कई शिक्षण संस्थाओं की स्थापना कराई थी। इसमें एमएम इंटर कालेज व डिग्री कालेज प्रमुख हैं। किसी समय में खेकड़ा शिक्षण का केंद्र था। सोमवार को शिक्षाविद् डालचंद शर्मा की 111वीं जयंती थी। एमएम डिग्री कालेज परिसर में शिक्षक व समिति पदाधिकारियों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा व प्राचार्य डा. जगदीश सिंह ने कहा कि पंडित डालचंद शर्मा ने अपना जीवन शिक्षा के प्रति न्यौछावर रखा। उन्होंने क्षेत्र की पहचान गैर जिलों में भी शिक्षा के लिए कराई थी। प्रबंधक ब्रिजेश शर्मा, ब्रजभूषण शर्मा, उमा शंकर शर्मा, कलम त्रिपाठी, मुकेश शर्मा, राधेश्याम शर्मा, दिनेश शर्मा, डा. शैलेंद्र तोमर, डा. गोपेश्वरदत्त पांडेय, डा. प्रमोद, शालीवाहन सिंह, भूपेश कुमार, सूर्यदत्त शर्मा, प्रताप, रविद्र कुमार आदि शामिल रहे।

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