अस्तित्व खो चुके तालाबों को बचाने आई दिल्ली की कंपनी

सालों पहले एक हजार तालाबों का वजूद मिट चुका है। जो तालाब बचे हैं वो अस्तित्व खोते जा रहे हैं। अब थोड़ी उम्मीद दिल्ली की एक कंपनी ने दिखाई जिसने तालाबों का जीवन बचाने की पहल की। मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह के आदेश पर बागपत में 97 तालाब चिन्हित किए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 06:08 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 06:08 PM (IST)
अस्तित्व खो चुके तालाबों को बचाने आई दिल्ली की कंपनी
अस्तित्व खो चुके तालाबों को बचाने आई दिल्ली की कंपनी

जेएनएन, बागपत। सालों पहले एक हजार तालाबों का वजूद मिट चुका है। जो तालाब बचे हैं, वो अस्तित्व खोते जा रहे हैं। अब थोड़ी उम्मीद दिल्ली की एक कंपनी ने दिखाई, जिसने तालाबों का जीवन बचाने की पहल की। मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह के आदेश पर बागपत में 97 तालाब चिन्हित किए गए हैं।

मंडलायुक्त ने डीएम और सीडीओ को अवगत कराया था कि दिल्ली की एक कंपनी ने भूजल संरक्षण को तालाबों की खोदाई को पहल की। तालाबों की खोदाई का काम प्राइवेट कंपनियों से प्राप्त कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड से होगा, जिसमें शासकीय धन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। तालाबों की खोदाई कंपनी से कराने को नियमानुसार विचार करने को लिखा था, जिस पर अब अमल शुरू हो गया।

सभी छह ब्लाक से 97 गांवों के तालाबों को चिन्हित कर सूची लघु सिचाई विभाग को उपलब्ध कराई है।

चयनित तालाबों की कंपनी से खोदाई कराने पर मंथन शुरू हो गया है। यह प्लान परवान चढ़ने से मिटते तालाबों को नया जीवन मिलेगा। वहीं हजारों ग्रामीणों को तालाबों की बदहाली से मुक्ति मिलेगी।

भूजल संरक्षण होने से बागपत को डार्क जोन से बाहर आने में मदद मिलेगी। तालाबों की बदहाली बड़ी समस्या है। अवर अभियंता लघु सिचाई विपिन त्यागी ने कहा कि खोदाई कराने को तालाबों को चिन्हित किया जा रहा है। बारिश और जलभराव से बदहाल हो गई सड़कें

बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव से संपर्क मार्गों की हालत बदहाल हो रही है। चौगामा क्षेत्र के अधिकांश मार्गों में इस कदर गड्ढे हो गए हैं कि वाहनों का चलना दुश्वार है।

क्षेत्र के मुलसम-फौलादनगर मार्ग, दाहा-चित्तमखेड़ी मार्ग, निरपुड़ा-दोघट मार्ग, दाहा-टीकरी मार्ग, भड़ल-धनौरा मार्ग, सरौरा-धनौरा मार्ग, दाहा-निरपुड़ा मार्ग, बेगमाबाद गढ़ी-दाहा मार्ग, शाहजहांपुर-पुसार मार्ग, पलड़ा-पुसार मार्ग, काहड़-दोघट आदि मार्ग की हालत जर्जर हो चुकी है। विनोद, चंद्रपाल, महेश आदि क्षेत्रवासियों का कहना है कि सड़कों पर बारिश का पानी रुकने से अधिकांश मार्ग टूट चुके हैं।

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