महिलाओं को जागरूक करती हैं दीपा
तिलवाड़ा गांव की रहने वाली दीपा कश्यप गांव की महिलाओं को जागरूक कर रही हैं।
जेएनएन, बागपत: तिलवाड़ा गांव की रहने वाली दीपा कश्यप गांव की महिलाओं को जागरूक कर रही हैं। वह अपने गांव की शोभा, सुमन, दिव्या, सरिता, सुनीता, मुनेश आदि महिलाओं को आत्मनिर्भर बना चुकी हैं। गांव में अपने परिवार के बीच रहते हुए इनमें से कोई महिला दुकान चला रही है तो कोई ब्यूटी पार्लर का काम कर अपने परिवारों का खर्च चला रही हैं। दीपा ने बताया कि पहले उनके परिवार का खर्च भी चलना मुश्किल हो रहा था, लेकिन उन्हें पता चला कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर महिलाएं अपना कुछ भी काम कर सकती हैं। इसमें सरकार की ओर से काम करने के लिए ऋण भी दिया जाता है। इसकी जानकारी मिलने के बाद वह चार साल पहले गांव में ही लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी थीं और उसमें कोषाध्यक्ष का काम देख रही हैं। उन्होंने अपना काम करने के साथ-साथ 20 से ज्यादा महिलाओं को समूह से जुड़वाया। अब ये महिलाएं आत्मनिर्भर हो गई हैं और इनके सामने आर्थिक समस्या भी आड़े नहीं आ रही है। दीपा का कहना है कि स्वयं सहायता समूह से दूसरी महिलाओं को जुड़कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहिए।
मां कालरात्रि से मांगी कष्टों को दूर करने की मन्नतें
बागपत: नवरात्रि के व्रत पर भक्तों ने मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की गई। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर मां से कष्टों को दूर करने और बच्चों की दीर्घायु की कामनाएं की।
ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार शास्त्री ने बताया कि मां कालरात्रि की आराधना करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। शत्रुओं का भी नाश हो जाता है। माता का रंग काला होने के कारण इन्हें कालरात्रि कहा गया है। इनके तीन नेत्र है। माता की चार भुजाएं हैं। ऊपर की दाहिनी भुजा से माता भक्तों को वर प्रदान करती है और नीचली दायीं भुजा से अभय देती है। जबकि बांयी भुजाओं में माता खड़ग और कंटीला मूसल धारण किया हुआ है। माता के हाथों में खड़ग और खप्पर भी बताया जाता है।