कोहरे से घुट रहा पक्षियों का दम
कोहरे की सर्वाधिक मार पक्षियों पर पड़ रही है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि वातावरण में काफी नमी है।
बागपत, जेएनएन। कोहरे की सर्वाधिक मार पक्षियों पर पड़ रही है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. खुशीराम ने बताया कि कोहरे से वातावरण में काफी नमी है। स्माग यानी वायु प्रदूषण भी कम नहीं है। ऐसे में पक्षियों के सांस लेने पर आक्सीजन कम, बल्कि नमी तथा नमी में चिपकी धूल उनके फेफड़ों में ज्यादा पहुंचती है।
पक्षियों के फेफड़े बहुत छोटे होते हैं, जिनका ज्यादातर हिस्सा पानी तथा प्रदूषित धूल के कण से भर जाने से उनके डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। कई बार पक्षी की मौत हो जाती है। कोहरे में पक्षियों को दिखाई नहीं देता है, जिससे उड़ते वक्त उनके इमारतों, बिजली की लाइनों और टावरों आदि से टकराने पर घायल तक हो जाते हैं। हवा बरपा रही कहर
कोराना काल में कड़ाके की ठंड के साथ हवा सितम ढाने में कसर नहीं छोड़ रही। शुक्रवार को बागपत का एयर क्वालिटी इंडेक्स 446 रहा। यानी वायु प्रदूषण बागपत के बाशिदों की सेहत के लिए खतरे की घंटी बजा रही है। सीएचसी अधीक्षक डा. विभाष राजपूत ने लोगों को सलाह दी कि ठंड से बचाव के साथ प्रदूषण से बचाव बेहद जरूरी है। वायु प्रदूषण वाले स्थानों पर कतई न जाएं। दिल के मरीज सुबह आठ बजे से पहले मार्निंग वाक पर न जाएं। धूमपान करने से बचें। सामान लेकर रवाना हुए किसान
चौबीसी खाप चौधरी रणवीर सिंह के नेतृत्व में छपरौली के किसानों ने दिल्ली में चल रहे कृषि कानून के विरोध में किसानों मूंगफली और अन्य खाद्य सामान लेकर रवाना हुए है। उनके साथ चौधरी महिपाल, सतपाल, सुभाष योगिद्र, सुखवीर सिंह, सतवीर सिंह, ओमवीर, सुनील, सरदार, इमरान, सुधीर, जयवीर, हरवीर आदि रवाना हुए है।