हड़ताल पर रहकर लाखों रुपये निकालने में फंसे दस पंचायत सचिव

अपने जाल में पंचायत सचिव खुद फंस गए। पंचायत सचिवों ने हड़ताल पर रहते हुए खातों से रुपयों की निकासी कर डाली।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 10:22 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 10:22 PM (IST)
हड़ताल पर रहकर लाखों रुपये निकालने में फंसे दस पंचायत सचिव
हड़ताल पर रहकर लाखों रुपये निकालने में फंसे दस पंचायत सचिव

बागपत, जेएनएन। अपने जाल में पंचायत सचिव खुद फंस गए। पंचायत सचिवों ने हड़ताल पर रहते हुए ग्राम पंचायतों के खातों लाखों रुपये की निकासी कर डाली। सीडीओ रंजीत सिंह ने दस पंचायत सचिवों को नोटिस जारी कर दो दिन के स्पष्टीकरण नहीं देने पर कार्रवाई होगी।

सीडीओ ने ग्राम वाजिदपुर के पंचायत सचिव रोहित खोखर को 168980 रुपये, डगरपुर के पंचायत सचिव अक्षय धनकड़ को 845119 रुपये, महरमपुर के पंचायत सचिव अजित कुमार को 98074 रुपये, बली के पंचायत सचिव कृष्ण कुमार यादव को 74250 रुपये ग्राम पंचायतों के खातों से आहरित करने पर नोटिस जारी किए हैं।

वहीं, खट्टा प्रहलादपुर के पंचायत सचिव मनीष तोमर को 68544 रुपये तथा रामनगर के पंचायत सचिव बुद्धप्रकाश को 16200 रुपये तथा अहमदपुर गठीना के पंचायत सचिव शान मोहम्मद ने 48385 रुपये की निकासी करने पर नोटिस दिए हैं।

सीडीओ ने कहा कि इन पंचायत सचिवों ने 31 अगस्त से 16 सितंबर तक चले विकास भवन पर धरना-प्रदर्शन में भाग लिया। धरना-प्रदर्शन व कार्य बहिष्कार के दौरान पैसा निकासी करना वित्तीय अनियमित्ता और अनुशासनहीनता है। जबकि धरना प्रदर्शन के दौरान काम नहीं तो वेतन नहीं के आदेश जारी किए गए थे। यदि धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं थे तो क्या पंचायत घर निर्माण और पंचायत सहायकों की नियुक्ति का काम किया है। दो दिन के अदंर स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी।

सीडीओ ने सिरसलगढ़, डौलचा तथा डौला गांवों के पंचायत सचिवों और प्रधानों को विकास कार्य कराने

के बजाय साइन बोर्ड के नाम पर लाखों रुपये खर्च करने पर नोटिस जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। तेज हुई पंचायत सचिवों की घेराबंदी

-डीडीओ बीबी सिंह ने निलंबित पंचायत सचिव प्रमोद कुमार, जौनी चौधरी व प्रेम कुमार, विकुल तोमर, सफाई कर्मी हरिशंकर, सुनील कुमार को नोटिस देकर कहा कि डीएम, विधायक केपी मलिक व पंचायत सचिवों के बीच धरना खत्म खत्म करने को डीपीआरओ के अवकाश पर रहने के समझौते की जानकारी उन्हें नहीं। यदि 28 सितंबर को धरना प्रदर्शन अवैध होगा जिसके खिलाफ एफआइआर कराएंगे। आखिर जांच क्यों नहीं

-पंचायत सचिवों ने डीपीआरओ पर मंत्री तथा अधिकारियों के नाम पर अवैध वसूली का आरोप लगाया। डीपीआरओ अपने पर लगे आरोपों खारिज कर कहते रहे कि पंचायत सचिव अपना गबन छिपाने को झूठे आरोप लगा रहे हैं। इतने गंभीर आरोपों की जांच क्यों नहीं।

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