यमुना नहर की पटरी टूटने से हजारों बीघा फसल जलमग्न
पूर्वी यमुना नहर की पक्की पटरी टूटने से सोमवार को रमाला गांव के किसानों की फसल डूब गई।
बागपत, जेएनएन। पूर्वी यमुना नहर की पक्की पटरी टूटने से सोमवार को रमाला गांव के किसानों की हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई। सूचना पर सिचाई विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर टूटी हुई नहर पटरी को ठीक कराया। पीड़ित किसानों ने सिचाई विभाग के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आक्रोश व्यक्त किया।
सोमवार को अलसुबह पूर्वी यमुना नहर में ज्यादा पानी आने से रमाला गांव के जंगल में पटरी टूट गई, जिससे गेहूं, जई, गन्ने की हजारों बीघा फसल में चार-चार फीट तक पानी जमा हो गया। इसके अलावा पटरी के बिल्कुल नजदीक के खेतों में पानी के तेज बहाव से कई बीघा फसलें चौपट हो गई। फसलें खराब होने से किसानों का लाखों रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। किसानों ने सुबह सिचाई विभाग के जेई नीरज कुमार को नहर टूटने की सूचना दी, जिसके बाद सिचाई विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर पटरी को दुरुस्त किया। किसान रविद्र, सुनील, रामकुमार, सचिन सहित दर्जनों किसानों का आरोप है कि पटरी को लेकर वह कई बार सिचाई विभाग के जेई को अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है। इससे पहले भी कई बार नहर की पटरी के टूटने से किसानों का भारी नुकसान हो चुका है। पीड़ित किसानों ने सिचाई विभाग से मुआवजा देने की मांग की है। किसान दिल्ली रवाना
सोमवार की शाम क्षेत्र के मविकला और हजूराबाद गढ़ी गांव के किसान पूर्व मंत्री कुलदीप उज्ज्वल की अगुआई में ट्रैक्टर लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुए। कुलदीप उज्ज्वल ने बताया कि सरकार किसानों को कमजोर कर रही है और उद्योगपतियों को बढ़ावा दे रही है। किसानों की ताकत के आगे इनके सारे मंसूबे फैल हो जाएंगे और सरकार को यह कानून रद करना पड़ेगा।