दावों में नहीं निकला दम, रह गए सपने अधूरे

यूपी-हरियाणा राज्य को जोड़ने वाले यमुना नदी पर निर्माणधीन पुल समयावधि से पीछे छूट गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 10:39 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 10:39 PM (IST)
दावों में नहीं निकला दम, रह गए सपने अधूरे
दावों में नहीं निकला दम, रह गए सपने अधूरे

बागपत, जेएनएन। यूपी-हरियाणा राज्य को जोड़ने वाले यमुना नदी पर निर्माणधीन पुल समयावधि से पीछे छूट गया है। लाकडाउन के बाद से ही पुल का निर्माण धीमी गति से हो रहा है। यदि निर्माण का यही हाल रहा तो कई साल इस पुल के निर्माण में लग जाना तय है। हरियाणा के बिलासपुर और बागपत के कूरडी गांव को जाड़ने वाले यमुना नदी पर पुल का निर्माण 84.36 करोड़ रुपए से पुल और उसको जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण कार्य दिसंबर 2018 में शुरू हुआ था, निर्माण का समय लगभग दो साल रखा गया है। जनप्रतिनिधियों की ओर से दावा भी किया गया था कि दो साल में लोगों को एक-दूसरे राज्य में जाने की सुविधा भी मिलने लगेगी, लेकिन अभी तक तो यमुना नदी में 15 पिलर ही खड़े हुए हैं जबकि तीन पिलर जमीन से थोड़े ही ऊंचाई पर खड़े दिखाई दे रहे हैं। लाकडाउन के बाद से पुल का निर्माण काफी धीमी गति से हो रहा है। आरआरडी उपाध्याय, राहुल, देवेंद्र आदि लोगों का कहना है कि यदि निर्माण की यही गति रही तो कई साल निर्माण होने में लग जाएंगे। पुल का निर्माण होने से हरियाणा के बिलासपुर, आट्टा, खोजकीपुर, डिकाडला, पावटी और यूपी के टांडा, छपरौली, कुरडी, तुगाना, बड़ौत व नांगल गांवों को फायदा होगा। व्यापार में वृद्धि होगी। रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

छपरौली विधायक सहेंद्र सिंह ने बताया कि पुल निर्माण के कार्य में तेजी आए, इसके लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के अलावा उप मुख्यमंत्री से वह स्वयं मिले है।

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