कोरोना की जांच ही नहीं, तो सामने कैसे आएंगे पाजिटिव

जेएनएन मेरठ। कोरोना महामारी की जांच ही नहीं होगी तो पाजिटिव लोग सामने कैसे आएंगे? ग्रामी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 10:39 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 10:39 PM (IST)
कोरोना की जांच ही नहीं, तो सामने कैसे आएंगे पाजिटिव
कोरोना की जांच ही नहीं, तो सामने कैसे आएंगे पाजिटिव

जेएनएन, मेरठ। कोरोना महामारी की जांच ही नहीं होगी, तो पाजिटिव लोग सामने कैसे आएंगे? ग्रामीणों का यह सवाल सीधा और सपाट सवाल सिस्टम को चुभने वाला वाला है। यह एक ऐसा सवाल भी है जो कोरोना जैसी महामारी के समय स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली की पोल भी खोलता है। यानी न कोरोना की जांच होगी और न ही पाजिटिव केस सामने आएंगे। सब कुछ अच्छा और हो भी यही रहा है। गांव में आज के समय केवल एक ही केस पाजिटिव है। यानी गांव में सब लोग कोरोना महामारी से दूर है। अभी तक की रिपोर्ट भी सरकार को खुश कर देने वाली ,है जबकि हकीकत कोसों दूर खड़ी व्यवस्था की खिल्ली उड़ा रही है, जिससे लोगों ने पर्दा ही उठा दिया। इस संबंध में कई ग्रामीणों से बातचीत हुई, तो उन्होंने कई राज भी खोले और मांग भी उठाई। विकास कुमार, मोहन शर्मा, प्रदीप उपाध्याय, मनीष आदि ग्रामीणों का कहना है कि गांव में अभी तक कोरोना की जांच नहीं हुई है। एक माह में 37 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। इनमें कई लोग कोरोना महामारी से मरे हैं, तो कई दूसरी बीमारी से। सरकार को कोरोना महामारी की जांच कराकर उपचार शुरू कर देना चाहिए। गांव में ऐसी व्यवस्था की जाए ताकि कोरोना लक्षण वाले लोगों को वहां रखा जाए। गांव में गली-गली सैनिटाइज कराया जाए। गांव में एक उपकेंद्र में पशु बांधे जाते हैं और सामान रखा हुआ है। उसे खाली कराकर वहां स्टाफ तैनात किया जाए। दूसरे उपकेंद्र में भी व्यवस्था में सुधार किया जाए।

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ग्राम प्रधान के अनुसार मृतकों के नाम

ग्राम प्रधान की बनाई सूची के अनुसार बीरसैन, कृष्णपाल, वीरसैन, तेजपाल, सुंदर, पप्पू, सुभाष, मुकेश, बती, कृष्णा, शौकीन, मौजू, सत्तार, हडडू शेख, जयभगवान, हकीमूद्दीन, अतर सिंह, इंदर, कबूली, कलीराम, महावीर, कमलेश, बोहती, डाक्टर ईश्वर, रगवीर, रमेश, जयप्रकाश आदि 37 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जिनमें 12 महिलाएं और 25 पुरुष शामिल हैं।

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