गरीबी और बेबसी के बंधन को तोड़ रहा जनपद

बेशक एक दौर था जब गरीबी बेबसी बेटियों का कोख में कत्ल और अबला पर जुल्म ओ सितम से बागपत टॉप पर रहा था लेकिन अब ऐसा नहीं है। सामाजिक न्याय के दम पर बागपत अब सफलता की मिसाल कायम कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 12:00 AM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 06:09 AM (IST)
गरीबी और बेबसी के बंधन को तोड़ रहा जनपद
गरीबी और बेबसी के बंधन को तोड़ रहा जनपद

बागपत, जेएनएन। बेशक एक दौर था जब गरीबी, बेबसी, बेटियों का कोख में कत्ल और अबला पर जुल्म ओ सितम से बागपत टॉप पर रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। सामाजिक न्याय के दम पर बागपत अब सफलता की मिसाल कायम कर रहा है। सुधरते लिगानुपात, करियर में उड़ान भर्ती बेटियों, गरीबी को मात देती महिलाओं की फौज और रोजगार की तरफ बढ़ते युवाओं पर एक रिपोर्ट। थमने लगी कन्या भ्रूण हत्या

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का बागपत में जमीनी असर दिखाई देने लगा है। बागपत देश के उन 100 जिलों में शामिल था, जहां लिगानुपात सर्वाधिक कम है। यूपी में तो बागपत सबसे खराब 10 जिलों में पहले नंबर पर था, लेकिन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लागू होने के बाद बागपत में लिगानुपात में तेजी से सुधार होना शुभ संकेत है। साल 2011 में बागपत में 1000 लड़कों पर महज 861 लड़कियां थी। वहीं आज 1000 लड़कों पर 890 लड़कियों का औसत है।

...

बेटियां पा रहीं बेहतर तालीम

अब शिक्षा के मामले में मौका मिलने पर बेटियां बेटों को पीछे छोड़ रही है। प्राथमिक स्कूलों में 33000 बेटियां, तो 32000 बेटे शिक्षा पा रहे हैं। वहीं बालिका शिक्षा के तहत बागपत जिले में संचालित दो कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में ऐसी 200 बालिकाएं शिक्षा हासिल करती हैं, जो बेहद गरीब परिवारों से हैं। कक्षा आठ के बाद माध्यमिक शिक्षा पाने में भी बेटियों की स्थिति अच्छी है। कक्षा आठ पास करने वाली बेटियों में 60 प्रतिशत कक्षा 9 में प्रवेश लेती है, तो वहीं लड़कों का औसत 62 प्रतिशत से ज्यादा नहीं है।

नाबालिग बेटियों ने

रुकवाई अपनी शादी

यह सामाजिक बदलाव का ही परिणाम है कि गत एक साल में चार नाबालिग बेटियां महिला हेल्पलाइन पर फोन कर अपनी शादी रुकवा चुकी हैं। ऐसा उन्होंने आगे की पढ़ाई करने के लिए किया। बेमिसाल है सरकार का प्रयास

प्रदेश सरकार ने दुष्कर्म पीड़िताओं को आर्थिक मदद देकर नया जीवन शुरू करने के लिए महारानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल कल्याण कोष योजना चला रखी हैद्य इस योजना से अब तक एक साल में दो दर्जन महिलाओं एवं नाबालिग बेटियों को आर्थिक मदद मुहैया करा चुकी है।

.....

मिल रहा रोजगार

मिट रही गरीबी

राष्ट्रीय आजीविका मिशन गरीबी उन्मूलन के लिए सबसे कारगर साबित हुई है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन से अब तक गत 5 साल में 5000 से ज्यादा महिलाएं गरीबी उन्मूलन की दास्तान लिख चुकी हैं। बता दें कि 4000 स्वयं सहायता समूह से 40000 महिलाएं जुड़कर सब रोजगार की जद्दोजहद में जुटी हैं।

....

इन्हें भी मिला रोजगार

चालू वित्त वर्ष में मनरेगा से बागपत में करीब ढाई हजार लोगों को काम मिला। वही एक जिला एक उत्पाद योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री खादी ग्राम उद्योग रोजगार योजना, स्पेशल कंपोनेंट प्लान बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर रोजगार योजना आदि से 200 से ज्यादा युवाओं को स्वरोजगार करने के लिए बैंकों से करीब 15 करोड़ रुपए का कर्•ा दिलाया गया। ग्रामीण प्रशिक्षण केंद्र बागपत तथा प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र बागपत से करीब 2000 बेरोजगारों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण देकर रोजगार करने की राह दिखाई गई।

बागपत में सामाजिक न्याय की बयार तेजी से बह रही है। सरकारी योजनाओं से गरीबी उन्मूलन का काम अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है। महिलाएं अब घरों से निकलकर खुद स्वरोजगार कर रही हैं जो बागपत के लिए सुखद है।

--पीसी जायसवाल, सीडीओ बागपत

chat bot
आपका साथी