रडार पर रहेंगी बार्डर के पास की उर्वरकों की दुक ानें
डीएपी उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने को यूपी-हरियाणा बार्डर के दस किमी दायरे की दुकानें अब रडार पर रहेंगी।
बागपत, जेएनएन। डीएपी उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने को यूपी-हरियाणा बार्डर के दस किमी दायरे की उर्वरकों की दुकानें अब प्रशासन के रडार पर रहेंगी। अधिकारी बार्डर की इन दुकानों के उर्वरक स्टाक की आकस्मिक जांच करेंगे। अगर जांच में कालाबाजारी सामने आई तो दंडात्मक कार्रवाई होगी।
बागपत समेत पश्चिम यूपी में अब चीनी मिलें चालू होने लगी हैं ऐसे में गन्ना कटाई से खेत खाली होने लगेंगे। किसान खाली हुए खेतों में गेहूं बुआई करेंगे जिसके लिए नवंबर में डीएपी की मांग बढ़ेगी। अब अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी ने बागपत समेत बार्डर के सभी जिलों को डीएम और कृषि उप निदेशक को यूपी-हरियाणा बार्डर के पास दस किमी के दायरे में आने वाली उर्वरकों की दुकानों को चिन्हित कर निगरानी कराने का आदेश दिया है। 20 विक्रेताओं की होगी जांच
-अक्टूबर में सर्वाधिक डीएपी उर्वरक बिक्री वाली 20 दुकानों की जांच होगी। यदि कालाबाजारी सामने आए तो विक्रेताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी। नवंबर में डीएपी का माइक्रोमैनेजमेंट तैयार कर वितरण कराएंगे। उर्वरकों का भंडार करने वाले, डीएपी उर्वरक का संकट होने की भ्रामक खबरें फैलाने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।
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15 नवंबर के बाद बढेगी डिमांड
-उर्वरकों की कालाबाजारी में किसान की संलिप्ता मिलने पर उनपर दंडात्मक कार्रवाई होगी। कृषि उप निदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि बागपत में उर्वरकों की कोई कमी नहीं। बागपत में 55 हजार हेक्टेयर पर गेहूं बुआई करने के लिए 15 नवंबर बाद डीएपी उर्वरकों की मांग बढ़ेगी जिसके लिए पर्याप्त डीएपी उर्वरक उपलब्ध है। बार्डर पर पुलिस से निगरानी कराने को डीएम ने एसपी को लिखा है। बागपत में उपलब्ध उर्वरक
-1122.23 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध
-2746.33 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध
-1403.2 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध
-544.3 मीट्रिक टन एसएसपी उपलब्ध
-52.62 मीट्रिक टन एमओपी उपलब्ध