लहचौड़ा में बुखार का प्रकोप, पांच में हुई डेंगू की पुष्टि

बागपत जेएनएन। लहचौडा गांव मे बुखार का प्रकोप बढ़ ही जा रहा है। डेंगू ने भी पैर पसार लिए

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 09:57 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 09:57 PM (IST)
लहचौड़ा में बुखार का प्रकोप, पांच में हुई डेंगू की पुष्टि
लहचौड़ा में बुखार का प्रकोप, पांच में हुई डेंगू की पुष्टि

बागपत, जेएनएन। लहचौडा गांव मे बुखार का प्रकोप बढ़ ही जा रहा है। डेंगू ने भी पैर पसार लिए है। मंगलवार को तीन महिला और दो पुरुष में डेंगू की पुष्टि हुई। ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है, जबकि दर्जनों लोग बुखार से पीड़ित हैं।

लहचौडा गांव मे पिछले कुछ दिनों से बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। गांव में एक ही परिवार से राजबीरी पुत्री केहर सिंह, सुमन पत्नी पप्पू, रिया पुत्री पप्पू के अलावा प्रेमशंकर पुत्र सत्यप्रकाश में डेंगू की पुष्टि हुई है। इन सभी का इला•ा अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि राजबीरी, सुमन, रिया का ईलाज खेकडा, जबकि प्रेमशंकर को ईलाज के लिए गाजियाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक साथ चार लोगों में डेंगू की पुष्टि होने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है। गांव में दर्जनों लोग बुखार की चपेट में हैं। ग्रामीणों का कहना कि यहां सरकारी चिकित्सा के अभाव में ग्रामीणों को दूसरे स्थानों पर इला•ा कराने जाना पड़ता है। यातायात की व्यवस्था न होने के कारण समस्या और बढ़ जाती है। उधर, खेकड़ा में आशीष पुत्र रोहताश को भी डेंगू की पुष्टि प्राइवेट लैब में हुई है।

प्रशिक्षित आशाएं क्षेत्र में करें जिम्मेदारी से काम

बागपत, जेएनएन। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बागपत पर चल रहे पांच दिवसीय आशा एचबीएनसी प्रथम चरण के प्रशिक्षण का मंगलवार को समापन हो गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली आशाओं को कार्यक्रम के दौरान प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया है। बागपत सीएचसी के अधीक्षक डा. विभाष राजपूत ने बताया कि पांच दिनों से आशाओं को प्रशिक्षण दिया रहा था, जिसका समापन हो गया है। समापन पर मुख्य अतिथि सीएमओ डा. दिनेश कुमार सभी आशाओं का प्रमाण पत्र वितरित किया। प्रशिक्षण में 32 आशा बहुओं को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण आशाएं अपने क्षेत्र में नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए नवजात शिशुओं के घर 42 दिनों के अन्दर छह बार और घरेलू प्रसव की दशा में सात विजिट करेगी। गृह भ्रमण के दौरान आशा नवजात शिशुओं में होने वाले खतरों के लक्षण जैसे नाभिनाल में मवाद, बच्चे की छाती का धसना, बच्चे द्वारा दूध न पीना, बार-बार उल्टी करना, वजन कम होना आदि की पहचान करेगी। यदि किसी बच्चे में कोई लक्षण पाया जाता है, तो उक्त बच्चे को तत्काल उपचार के लिए अस्पताल के लिए रेफर करेगी। प्रशिक्षक डा. कौशल कुमार राजन हेमलता त्यागी, विक्रम सिंह, कंवरपाल रहे। इस मौके पर यूनिसेफ के डिविजनल कोआर्डिनेटर अल्ताफ अली, डीसीपीएम नौशाद अहमद, आस मोहम्मद, रजनी, इमरान मौजूद रहे।

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