पशुओं की मुफ्त दवाओं की कीमत वसूल रहे कर्मचारी

प्रदेश सरकार पशुओं को बीमारियों से बचाने को खजाने का मुंह खोलने को कसर नहीं छोड़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 10:46 PM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 10:46 PM (IST)
पशुओं की मुफ्त दवाओं की कीमत वसूल रहे कर्मचारी
पशुओं की मुफ्त दवाओं की कीमत वसूल रहे कर्मचारी

बागपत, जेएनएन। प्रदेश सरकार पशुओं को बीमारियों से बचाने को खजाने का मुंह खोलने को कसर नहीं छोड़ रही है। पशुओं का टीकाकरण हो या दूसरी दवाओं का इस्तेमाल यानी सबकुछ मुफ्त है। इसके बावजूद कर्मचारी मुफ्त दवाओं की कीमत वसूलने में पीछे नहीं। अब नोडल अधिकारी के आदेश पर मुफ्त टीकाकरण की कीमत वसूलने के मामले की जांच को कमेटी गठित करनी पड़ी। जांच में जो मिलेगा, उसके आधार पर कार्रवाई होगी।

शासन से नामित नोडल अधिकारी एवं उप्र पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन एम देवराज पांच सितंबर को कस्बा टीकरी का दौरा करने पहुंचे। तब किसी ने शिकायत की कि पशु टीकाकरण तथा मुफ्त की दवा का पशुधन प्रसार अधिकारी ने पैसा लिया है। टीकाकरण के पांच से दस रुपये वसूले गए। यह सुन नोडल अधिकारी हैरान रह गए थे, लेकिन शिकायत को बेहद गंभीरता से लेकर जांच का आदेश दिया।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. रमेश चंद्र ने डा. रोहित सिंह तथा डा. पूर्ण सिंह समेत तीन पशु चिकित्सकों की कमेटी गठित कर पशुधन प्रसार अधिकारी पर लगे उक्त आरोपों की जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया। इससे साफ हो गया कि बागपत में पशुपालन विभाग के कई कर्मी पशुओं के इलाज के नाम पर अपनी जेब भरने में लगे हैं।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने कहा कि टीकरी में पांच रुपये वसूली की बात कही गई है। पांच रुपये पंजीकरण शुल्क है। अब यह जांच से पता चलेगा कि इलाज के नाम पर पैसा लिया गया या पंजीकरण शुल्क वसूला गया।

गौरतलब है कि बागपत में पांच लाख पशुओं के इलाज का जिम्मा पशुपालन विभाग पर है।

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