कोरिडोर की जमीन के मुआवजे को लेकर गरजे किसान
दिल्ली-देहरादून आर्थिक कोरिडोर निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के मुद्दे को लेकर किसानों ने पंचायत की.
बागपत, जेएनएन। दिल्ली-देहरादून आर्थिक कोरिडोर निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के मुद्दे को लेकर दर्जनों गांवों के सैकड़ों किसान भड़क गए। कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर धरना दिया। डीएम को ज्ञापन देकर कहा कि जमीन मुआवजा में मनमानी नहीं चलने देंगे। उचित मुआवजा व कोरिडोर से सर्विस रोड की सुविधा दिलाने की मांग की।
सोमवार की सुबह मवीकलां, काठा, पाली, अहेड़ा, अग्रवाल मंडी टटीरी समेत दर्जनों गांवों के सैकड़ों ग्रामीण ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार होकर कलक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन कर धरना दिया। किसानों ने कहा कि दिल्ली-देहरादून आर्थिक कोरिडोर में 31 गांवों की जमीन अधिग्रहीत करने की कार्रवाई की जा रही। जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई को धारा 3-ए के तहत आपत्तियां सुनने के नोटिस निर्धारित तारीख से बाद में मिले। प्रशासन ने बिना किसानों की सुनवाई करे धारा 3-डी की कार्रवाई कर दी जो सरासर अन्याय है। किसानों ने धारा-3डी की आपत्तियों को सुनने का समय बढ़ाने, ग्रामीण क्षेत्र की जमीन का सर्वाधिक कीमत वाले बैनामे के आधार पर चार गुना तथा शहरी एरिया की जमीन का दो गुना मुआवजा देने, आर्थिक कोरिडोर से सर्विस रोड देने, काठा तथा मवीकलां में जमीन की निशानदेही कराने की मांग की। अग्रवाल मंडी टटीरी के किसानों की जमीन राजस्व रिकार्ड में ग्रामीण क्षेत्र में दर्ज है लेकिन प्रशासन कम मुआवजा देने की गर्ज से उसे शहरी क्षेत्र की दर्शा रहा है।
मांग रखी कि आपत्तियों को सुनने के बाद एवार्ड घोषित किया जाए। किसानों ने बाद में डीएम राज कमल यादव को ज्ञापन देकर उक्त मांग पूरी कराने का अनुरोध किया। चेयरमैन चौ. कृष्णपाल सिंह ने बताया कि डीएम ने किसानों को उचित कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है। मनोज कुमार, हरिकिशन, अमित पंवार, राजवीर, अमर सिंह, पंकज यादव, सूरज और संदीप आदि मौजूद रहे। ..तब करेंगे आंदोलन
किसानों ने कहा कि उनकी समस्याओं का निस्तारण किए बिना जमीन अधिग्रहण की तो आंदोलन करेंगे। किसानों से जमीन का नक्शा और
फसली नकल मांगी जा रही है जबकि यह कागजात राजस्व विभाग के पास मौजूद हैं। बैंकों के नोड्यूज सर्टिफिकेट मांगे जा रहे हैं। जबकि कर्ज चुकाने के बाद जमीन की फर्द पर कर्ज दर्ज रहता है। आपत्तियां नहीं ली जातीं
किसानों ने आरोप लगाया कि एडीएम कार्यालय में आपत्तियों को रिसीव करने वाला कर्मी अधिकांश समय अपनी सीट पर नहीं होता। यदि वह मौजूद होता भी है तो बहाना बनाकर किसानों की आपत्तियों को नहीं लेता। आपत्तियां सुनने का समय बढा
सोमवार को आपत्तियां सुनने का समय खत्म हो रहा था, लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है। एडीएम अमित कुमार सिंह ने कहा कि किसानों की मांग पर आपत्तियां सुनने का समय दो दिन और बढ़ा दिया गया है। आपत्तियों की सुनवाई के बाद ही एवार्ड घोषित होगा।