एनजीटी के आदेश पर प्रदूषण से निपटने को कमेटियां गठित

बागपत जेएनएन। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर डीएम राज कमल यादव ने प्रदूषण की समस्या से निप

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 12:16 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 12:16 AM (IST)
एनजीटी के आदेश पर प्रदूषण से निपटने को कमेटियां गठित
एनजीटी के आदेश पर प्रदूषण से निपटने को कमेटियां गठित

बागपत, जेएनएन। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर डीएम राज कमल यादव ने प्रदूषण की समस्या से निपटने को अधिकारियों की कमेटियों का गठन कर जिम्मेदारी सौंपी है। प्रधानों और लेखपालों को गांवों पर नजर रखने और किसानों को फसल अवशेष जलाने से रोकने की जिम्मा दिया गया है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार फसल अवशेष जलाने पर कानूनी रूप से रोक है। इसका उल्लंघन करने वालों पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने फसल अवशेष जलाने से रोकने को प्रत्येक गांव में लेखापाल को नोडल अधिकारी नामित किए हैं। प्रधान और लेखपाल की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने क्षेत्र में फसल अवशेष कतई नहीं जलाने दें। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई कराएंगे।

थाना प्रभारी अपने क्षेत्र में फसल अवशेष जलाने से रोकने की कार्रवाई करेंगे। प्रदूषण से निपटने को जिला स्तर पर एडीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित की, जिसमें एएसपी, कृषि उप निदेशक, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी और सहायक निबंधक सहकारी समितियां को सदस्य होंगे।

वहीं, डीएम ने तहसील स्तर पर एसडीएम और ब्लाक स्तर पर खंड विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटियों का गठन कर प्रदूषण की समस्या से निपटने का आदेश दिया है। किसानों को पराली जलाने के बजाय उसे गौ आश्रय स्थलों में देने को प्रेरित करने का काम अधिकारी करेंगे।

फसल अवशेष जलाने से रोकने को किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर 50 फीसदी अनुदान मिलेगा। वहीं उक्त कमेटियों में शामिल अधिकारी बुआई से लेकर फसलों की कटाई तक की मानीटरिग करेंगे ताकि कोई फसल अवशेष जलाकर प्रदूषण की समस्या पैदा न कर सकें। बता दें कि बागपत में अनेक किसान फसल अवशेष जलाते रहे हैं लेकिन अब ऐसा करने वालों को महंगा पड़ेगा।

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