आंख में दिक्कत होते ही लोगों को सताने लगा ब्लैक फंगस का डर

कोरोना के मरीजों को अब आंख में दिक्कत होते ही उन्हें ब्लैक फंगस होने का डर सता रहा है। दहशत इतनी कि है कि लोग ईएनटी नेत्र चेस्ट विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:43 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 06:43 PM (IST)
आंख में दिक्कत होते ही लोगों को 
सताने लगा ब्लैक फंगस का डर
आंख में दिक्कत होते ही लोगों को सताने लगा ब्लैक फंगस का डर

जेएनएन, बागपत: कोरोना के मरीजों को अब आंख में दिक्कत होते ही उन्हें ब्लैक फंगस होने का डर सताने लगा है। दहशत इतनी बढ़ गई है कि लोग ईएनटी, नेत्र, चेस्ट विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श ले रहे है। स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी के प्रति सचेत तो है, लेकिन बेबस है। इलाज के लिए किसी भी तरह की दवा विभाग के पास नहीं है।

जिले में पहले ही कोरोना का प्रकोप है। अब कुछ दिनों से कोरोना मरीजों के सामने ब्लैक फंगस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जिले में संक्रमित हुए करीब 4931 संक्रमित हुए हैं। जब से पता चला है कि कोरोना संक्रमितों को जानलेवा बीमारी ब्लैक फंगस हो रही है, तब से ठीक हुए लोग टेंशन में है। उन लोगों को ज्यादा चिता है, जिन्हें आक्सीजन से जीवनदान मिला है। उन्हें आंख में या नाक में जरा भी परेशानी हो रही है, तो वह तुरंत ही ईएनटी, नेत्र और चेस्ट सर्जन चिकित्सक से संपर्क कर इस बीमारी से बचने और उपचार के संबंध में जानकारी ले रहे है। पहले कोरोना से लड़े थे, अब इस बीमारी की वजह से भी मानसिक रूप से परेशान है। स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को लेकर अलर्ट है, लेकिन कोई बचाव के लिए न तो वार्ड बनाया है और न ही इसके लिए कोई डाक्टर को जिम्मेदारी दी है। सीएमओ डा. आरके टंडन ने बताया कि ब्लैक फंगस से बचने के लिए हमारे पास अभी कोई साधन नहीं है। कोई वार्ड नहीं बनाया गया है। किसी को लक्षण नजर आते है, तो लापरवाही न बरतने के लिए जागरूक कर रहे है। सीधे विशेषज्ञ डाक्टरों से संपर्क कर इलाज शुरू कराए। लापरवाही इस बीमारी में भारी पड़ सकती है।

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