एक और कोटेदार ने ब्लैक में बेच दिया राशन
बागपत जेएनएन। अफसरों की सख्ती के बावजूद कोटेदार राशन की कालाबाजारी करने से बाज नहीं अ
बागपत, जेएनएन। अफसरों की सख्ती के बावजूद कोटेदार राशन की कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। एक और कोटेदार ने ब्लैक में राशन बेच दिया। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
जिला पूर्ति अधिकारी केबी सिंह का कहना है कि 20 नवंबर से सस्ते गल्ले की दुकानों पर खाद्यान्न का वितरण शुरू हुआ था। ग्राम तमेलागढ़ी के दो में से एक कोटेदार ने सिर्फ एक दिन राशन का वितरण किया। उपभोक्ता राशन लेने पहुंचे, तो उनको राशन वितरण करने से मना कर दिया गया। इस संबंध में उपभोक्ताओं की शिकायत मिलने पर सप्लाई इंस्पेक्टर राहुल पटेल को जांच के लिए गांव में भेजा गया। जांच में शिकायत सही पाई गई। निरीक्षण के दौरान सस्ते गल्ले की दुकान में भी राशन नहीं मिला। इस संबंध में कोटेदार कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इससे स्पष्ट है कि कोटेदार ने राशन को ब्लैक में बेचा है। जांच रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज की अनुमति के लिए फाइल को डीएम राजकमल यादव के पास भेजी गई है। डीएम के आदेशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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कई कोटेदारों पर हो चुके हैं मुकदमें दर्ज
राशन की कालाबाजारी करने पर कई कोटेदारों के खिलाफ पूर्व में मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। कोटेदार के राशन वितरण में अनियमितता बरतने पर सस्ते गल्ले की कई दुकानें निरस्त व निलंबित की जा चुकी हैं।
तेंदुए ने किया गोवंशी पर हमला, गंभीर घायल
बागपत, जेएनएन। मवीखुर्द के बाद अब तेंदुए ने मवीकला गांव में शुक्रवार की रात एक बेसहारा गोवंशी को अपना शिकार बना लिया। ग्रामीणों ने किसी तरह तेंदुए के चंगुल से बचाया। क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। बालैनी क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों में तेंदुए की दहशत कायम है। किसान खेतों में फसलों की सही प्रकार से सिचाई नहीं कर पा रहे है, वहीं बाहरी क्षेत्र पर रहने वाले लोगों की रातों की नीदं उठी है। शुक्रवार की रात फिर से तेंदुए ने अपनी उपस्थित दिखाते हुए मवीकला गांव में बेसहारा गोवंशी अपना शिकार बनाने का प्रयास करते हुए हमला किया, लेकिन किसी तरह ग्रामीणों ने उसे बचा लिया। गोवंशी गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्रामीण तेजबीर, राजवीर, अमरपाल, विनोद कवंरपाल ने बताया कि तेंदुआ लगातार क्षेत्र में घूम रहा है। पशुओं को अपना निशाना बना रहा है, लेकिन वन विभाग तेंदुआ न होना बताकर अपना पल्ला झाड़ रहा है। विभाग के प्रति ग्रामीणों में रोष बढ़ रहा है।