भ्रष्टाचार के खिलाफ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सड़क पर उतरीं
छपरौली बाल विकास परियोजना कार्यालय इन दिनों घूसखोरी को लेकर सुर्खियों में है। यहां की अधिकारी पर घूसखोरी का आरोप लगाते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने रविवार को जुलूस निकाला और ट्रांसफर की मांग की।
बागपत, जेएनएन: छपरौली बाल विकास परियोजना कार्यालय इन दिनों घूसखोरी को लेकर सुर्खियों में है। परियोजना के अधिकारी पर यह गंभीर आरोप 66 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लगा रही हैं। उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक सीडीपीओ और सुपरवाइजर का ट्रांसफर नहीं होगा, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगी।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दो दिन पहले छपरौली में सांसद डाक्टर सत्यपाल सिंह और डीएम राजकमल यादव से शिकायत कर चुकी हैं। उमा देवी, बबली, राजकुमारी, गीता, अमरेश, मुनेश का आरोप है कि कार्यालय में मासिक प्रगति रिपोर्ट जमा करानी हो या दूसरा काम, हर काम के लिए रिश्वत ली जाती है। रुपए न देने पर नौकरी से निकालने की धमकी देती हैं। सीडीपीओ और सुपरवाइजर का तबादला नहीं हुआ तो इस्तीफे दे देंगी।
पिछले पांच दिन से वे धरना-प्रदर्शन कर रही हैं। सीडीपीओ जानकी देवी और सुपरवाइजर सरोज का कहना है कि कुछ आंगनबाड़ी विभाग का काम ही नहीं करना चाहती हैं। दबाव बनाने के लिए झूठे आरोप लगा रही हैं। रिश्वत लेने का आरोप निराधार है।
लाखों का गोलमाल
अब होगी वसूली
जागरण संवाददाता, बागपत: मनरेगा लोकपाल अंशु त्यागी की रिपोर्ट मिलने के बाद प्रशासन ने मनरेगा में हुई लाखों रुपये की अनियमितता की वसूली कराने का प्रयास शुरू कर दिया है। मनरेगा लोकपाल ने शिकायत पर बोढ़ा गांव में जांच की तो अनियमितता पकड़ी। कुल 2.11 लाख रुपये से ज्यादा की अनियमितता की गई।
लोकपाल ने एक अधिकारी समेत पांच लोगों पर वसूली निकाली। डीएम राज कमल यादव के निर्देश पर सीडीओ अभिराम त्रिवेदी ने संबंधित कर्मियों से उक्त राशि की वसूली कराने की हिदायत दी। इससे संबंधित कर्मियों में खलबली मची है। बता दें कि मनरेगा में आए दिन गोलमाल के मामले सामने आते रहते हैं।