ँआस्था का केंद्र है प्राचीन दुर्गा मंदिर रंछाड़

बागपत जेएनएन। रंछाड़ गांव की आबादी से करीब एक किमी दूर दक्षिण दिशा में मा दुर्गा का प्राच

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 09:35 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 09:35 PM (IST)
ँआस्था का केंद्र है प्राचीन दुर्गा मंदिर रंछाड़
ँआस्था का केंद्र है प्राचीन दुर्गा मंदिर रंछाड़

बागपत, जेएनएन। रंछाड़ गांव की आबादी से करीब एक किमी दूर दक्षिण दिशा में मा दुर्गा का प्राचीन मंदिर स्थित है। नवरात्र में हर वर्ष यहां दूर दूर से श्रद्धालु मातारानी के दरबार मे आकर पूजन करते हैं। मंदिर में विराजमान दुर्गा माता सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी करती है।

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इतिहास

यह मंदिर करीब एक शताब्दी पुराना है। बुजुर्ग बताते हैं कि पूर्व में यहां माता के मठ थे। जहां ग्रामीण पूजन करते थे। करीब ढाई दशक पूर्व कमेटी गठित कर यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया। मंदिर निर्माण के बाद यहां मा दुर्गा, वीर हनुमान, राम सीता, राम लक्ष्मण, गणेश, शिव परिवार, नंदी आदि प्रतिमाएं स्थापित कराई गई हैं। नवरात्र में यहां हर वर्ष विशेष आयोजन होता है। जिसमे दूर दूर से हजारो श्रद्धालु आकर प्रसाद चढ़ाते हैं।

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विशेषता

करीब तीन बीघा क्षेत्रफल में फैले इस मंदिर के परिसर में करीब एक बीघा जमीन में भवन बनाये गए हैं। इसी के साथ मंदिर का विशाल द्वार श्रद्धालुओं को खासा आकर्षित करता है। करीब 150 मीटर भूमि पर मा दुर्गा देवी का मंदिर है।नवरात्र में सप्तमी व दुर्गा अष्टमी पर यहां विशेष पूजन व भजन कीर्तन का आयोजन होता है। होली, दिवाली व नवरात्र में भंडारे का भी आयोजन होता है। जिसमे कई राज्यों से श्रद्धालु आकर माता के चरणों मे शीश नवाते हैं। माता रानी सभी की मनौतियां पूरी करती है।

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नवरात्र में मां के दरबार में अखंड ज्योत प्रज्ज्वलित की जाती है। नवरात्र में मा दुर्गा की पूजा अर्चना करने से सबकी हर मनोकामना पूरी होती है।

-रामकिशन, पुजारी

मां दुर्गा के दरबार मे दूर दूर से आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवरात्र में माता रानी की पूजा करने पर विशेष कृपा होती है।

-पुष्पेंद्र सिंह तोमर, श्रद्धालु

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