जागरूक हो रहे लोग, जिले में स्थिर है एड्स

एड्स एक लाइलाज बीमारी है। केवल सावधानी ही इसका एक मात्र बचाव है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 10:50 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 10:50 PM (IST)
जागरूक हो रहे लोग, जिले में स्थिर है एड्स
जागरूक हो रहे लोग, जिले में स्थिर है एड्स

बागपत, जेएनएन। एड्स एक लाइलाज बीमारी है। केवल सावधानी ही इसका एक मात्र बचाव है। इसी जागरूकता के चलते जिले में एड्स का प्रकोप स्थिर हुआ है। किसी भी उम्र में वायरस जकड़ सकता है। गलत संबधों से ही नहीं संक्रमित इंजेक्शन या संक्रमित ब्लड से भी एड्स हो सकता है।

एचआइवी जिला अस्पताल के नोडल एवं ब्लड बैंक के प्रभारी डा. अनुराग वाष्र्णेय ने बताया कि एचआइवी जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानी एचआइवी के नाम से जाना जाता है। आम बोलचाल में एड्स बोलते हैं, जिसका पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यून डेफिशएंसी सिड्रोम है। रोग से ग्रस्त होने पर व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है। शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में भी सक्षम नहीं रहती है। इस वर्ष 24 मिले एड्स से पीड़ित

जिले में इस वर्ष पुरुषों में 13 और 11 महिलाओं में एड्स की पुष्टि हुई है। इनमें पांच गर्भवती महिला भी शामिल है। ये सभी मध्यम वर्गीय परिवार से है। वर्ष 2019 में भी 55 मरीज एड्स के मरीजे थे। 2018 में 50 मरीज मिले थे। 2007 में सबसे पहला एड्स का मरीज मिला था। जिला जेल में भी एक बंदी एड्स से पीड़ित मिला था। वहीं एक मंगलामुखी भी एड्स से ग्रस्त मिला था। कई लोगों का दूसरे राज्य और जनपदों में इलाज चल रहा है जो जिले में पंजीकृत नहीं है। जनपद में एड्स के करीब 424 मरीज हो गए हैं। बीमारी फैलने की प्रमुख वजह और बचाव

एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित संबंध बनाने से बीमारी फैलती है। पुरुष के मुकाबले स्त्रियों में एचआईवी संक्रमण की संभावना अधिक रहती है। यौन रोग होने पर एचआईवी का खतरा 10 गुना बढ़ जाता है। संक्रमित ब्लड, इनफेक्टिड इंजेक्शन से खतरा रहता है। इससे बचाव के लिए समय-समय पर जांच कराई जाए। हमेशा सरकारी या लाइसेंसी ब्लड बैंक से ही रक्त लें। रक्त लेते समय यह सुनिश्चित करें कि रक्तदाता एचआईवी मुक्त है। लक्षण

अधिक वजन कम होना, अधिक समय तक सूखी खांसी रहना, बार-बार बुखार आना, एक सप्ताह से अधिक समय तक दस्त होना, मुंह में बार-बार छाले पड़ना, मुंह और पलकों के नीचे या नाक में लाल, भूरे बैंगनी या गुलाबी रंग के धब्बे होना एचआइवी के लक्षण है। इनसे नहीं फैलता एचआइवी

सामान्य मेलजोल, हाथ मिलाने या गले लगाने, एक साथ घर में रहने, कपड़ों के आदान-प्रदान, शौचालय अथवा स्वीमिग पूल के साझा प्रयोग, साथ खाना खाने, मच्छर या कीड़े मकोड़ों के काटने से एचआइवी नहीं फैलता है।

chat bot
आपका साथी