कुर्सी का विवाद : तीसरी बार जांच रिपोर्ट सीएमओ आफिस में फाइलों के ढेर में दबी

सीएचसी बड़ौत अधीक्षक की कुर्सी पर सीनियर डाक्टर की तैनाती हो या जूनियर की इस विवाद की जांच दो एसीएमओ ने पूरी करने के बाद सीएमओ कार्यालय में तो जमा करा दी है लेकिन जांच रिपोर्ट का वही हुआ है जो पहले दो तत्कालीन सीएमओ के कार्यकाल में हुआ है यानी जांच रिपोर्ट पर एक्शन नहीं लिया गया। जांच रिपोर्ट सीएमएओ कार्यालय में फाइलों के ढेर में दब कर रह गई है। बहराल कुछ भी हो सीएचसी स्टाफ की निगाह तो अभी भी सीएमओ स्तर से होने वाली कार्यवाही पर ही लगी हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 10:26 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 10:26 PM (IST)
कुर्सी का विवाद : तीसरी बार जांच रिपोर्ट सीएमओ आफिस में फाइलों के ढेर में दबी
कुर्सी का विवाद : तीसरी बार जांच रिपोर्ट सीएमओ आफिस में फाइलों के ढेर में दबी

बागपत, जेएनएन। सीएचसी बड़ौत अधीक्षक की कुर्सी पर सीनियर डाक्टर की तैनाती हो या जूनियर की, इस विवाद की जांच दो एसीएमओ ने पूरी करने के बाद सीएमओ कार्यालय में तो जमा करा दी है, लेकिन जांच रिपोर्ट का वही हुआ है, जो पहले दो तत्कालीन सीएमओ के कार्यकाल में हुआ है यानी जांच रिपोर्ट पर एक्शन नहीं लिया गया। जांच रिपोर्ट सीएमएओ कार्यालय में फाइलों के ढेर में दब कर रह गई है। बहराल, कुछ भी हो सीएचसी स्टाफ की निगाह तो अभी भी सीएमओ स्तर से होने वाली कार्यवाही पर ही लगी हुई है।

सीएचसी अधीक्षक वर्तमान में डाक्टर विजय सिंह और बिजरौल पीएचसी पर डाक्टर विवेक सैनी तैनात है। दोनों में सीनियर-जूनियर को लेकर खींचतान चल रही है। इसी को लेकर डाक्टर विवेक सैनी ने पिछले दिनों सीएमओ को पत्र देकर अवगत कराया था कि वह डाक्टर विजय सिंह से सीनियर है और उन्हें ही सीएचसी अधीक्षक बनाया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। यह प्रकरण लगभग पिछले डेढ़ साल से चल रहा है। लेकिन शिकायत के बाद सीएमओ ने अब इस प्रकरण को सामने आते ही गंभीरता से लिया और पूरे मामले की जांच एसीएमओ डाक्टर भुजवीर सिंह और एसीएमओ डाक्टर अरविद मलिक को सौंप दी थी। दोनों ने 15 नवंबर को सीएचसी पर जांच करने के बाद रिपोर्ट 16 नवंबर को सीएमओ कार्यालय में जमा कर दी थी। सीएमओ डाक्टर दिनेश कुमार ने पहले कहा था कि जांच रिपोर्ट मिल गई है अब अध्ययन करने के बाद नियम के अनुसार कार्यवाही करेंगे, लेकिन एक सप्ताह से ज्यादा हो गया है, कार्यवाही की स्थिति शून्य है। सीएमओ ने बताया कि डाक्टर विवेक सैनी के बाद कई और डाक्टरों ने अब सीनियर होने की बात कही है। मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है।

तीसरी बाद दबी फाइल

पहले सीएमओ डाक्टर सुषमा चंद्रा और उनके बाद सीएमओ डाक्टर आरके टंडन बागपत में तैनात रहे। बताया जाता है कि दोनों के सामने यह मामला उठाया गया और जांच भी हुई थी, लेकिन जांच के बाद कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी थी।

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