साधकों ने खोले व्रत, कन्याओं को जिमाया
नवरात्रि की अष्टमी पर मां दुर्गा के स्वरूप माता महागौरी की आराधना की गई। विभिन्न स्थानों पर साधकों ने पूजा अर्चना के बाद माता का भोग लगाया और देवी स्वरूपी कन्याओं को घरों में भोजन कराने के बाद अपने व्रत खोले। ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार शास्त्री ने बताया कि कुछ श्रद्धालु नवरात्रि की अष्टमी पर ही अपने व्रत का उद्यापन कर देते हैं और कुछ नवमी के दिन अपने व्रत खोलेंगे। आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी की पूजा की गई।
जेएनएन, बागपत। नवरात्रि की अष्टमी पर मां दुर्गा के स्वरूप माता महागौरी की आराधना की गई। विभिन्न स्थानों पर साधकों ने पूजा अर्चना के बाद माता का भोग लगाया और देवी स्वरूपी कन्याओं को घरों में भोजन कराने के बाद अपने व्रत खोले।
ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार शास्त्री ने बताया कि कुछ श्रद्धालु नवरात्रि की अष्टमी पर ही अपने व्रत का उद्यापन कर देते हैं और कुछ नवमी के दिन अपने व्रत खोलेंगे। आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी की पूजा की गई। जिलेभर में मंगलवार को श्रद्धालुओं ने घरों में छोटी कन्याओं को भोजन कराने के बाद अपने व्रत खोले। कन्याओं को भोजन कराने के बाद आकर्षक उपहार दिए। श्रद्धालुओं ने महागौरी स्वरूप की पूजा कर लिया आशीष
महागौरी की उपासना के लिए मंगलवार को सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। मंदिर में पूजन व घर पर कन्याओं को भोजन कराने के बाद श्रद्धालुओं ने उपवास खोले। सभी ने परिवार की सुख- शांति की कामना की।
नवरात्रि में मंगलवार को महागौरी की उपासना की गई। महागौरी मां दुर्गा की आठवीं शक्ति है। सुबह से महागौरी के पूजन को मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। अर्चना कर श्रद्धालुओं ने अपने अपने परिवार की सुख शांति की मन्नतें महागौरी से मांगी। इसके बाद घर पर कन्याओं को विधि विधान से भोजन कराकर अपने उपवास खोले। कुछ श्रद्धालु बुधवार को नवमी के दिए उपवास खोलेंगे।
बाबा काले सिंह मंदिर के पुजारी अनिल गौनियाल ने बताया कि महागौरी के पूजन से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं। मां अपने भक्ति का हमेशा उद्धार करती है। उधर प्राचीन शिव मंदिर औरंगाबाद में दुर्गा अष्टमी पर हवन हुआ। श्रद्धालुओं ने कोरोना नियम का पालन कर हवन में आहुतियां देकर विश्व मंगल की कामना की।