यह फार्मूला अपनाया, अब बर्बाद नहीं हो रही कोरोना वैक्सीन
कोरोना टीकाकरण के दौरान वैक्सीन की बर्बादी हुई। इससे टीकाकरण की रफ्तार में कमी आई है। अब इसे सुधारने की जुगत लगाकर शत प्रतिशत टीकाकरण किया जा रहा है।
जेएनएन, बागपत: कोरोना टीकाकरण के दौरान वैक्सीन की बर्बादी हुई। इससे टीकाकरण की रफ्तार में भी कमी आई। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने नया फार्मूला अपनाया, जिसने बर्बाद हो रही वैक्सीन को अवसर में बदल दिया। अब दस लोगों के आने पर ही वैक्सीन की वायल खोली जाती है। इससे जिले में वैक्सीन की वेस्टेज जीरो प्रतिशत पर पहुंच गई है।
जिले में वैक्सीनेशन की शुरूआत में कोरोना वैक्सीन खूब बर्बाद हुई। यह 11 मई तक जारी रही। कभी 0.4 प्रतिशत, तो कभी 5.3 प्रतिशत तक वैक्सीन बर्बाद हुई। इधर चार दिनों से वैक्सीन की बर्बादी रोकने को नया फार्मूला अपनाया गया, जिससे वैक्सीन की बर्बादी पर अंकुश लगा है। सभी केंद्रों दस लोग इकट्ठा होने पर ही वैक्सीन की वायल को खोलकर टीकाकरण किया जा रहा है। इसका लाभ अतिरिक्त लोगों तक पहुंच रहा है।
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पहले इस तरह हुई थी
बर्बाद वैक्सीन
-जिले में अप्रैल माह में वैक्सीन के वेस्टेज का प्रतिशत निकला गया। सबसे ज्यादा मार्च माह में 27 मार्च को 5.3 प्रतिशत वैक्सीन वेस्ट हुई थी। इस माह में सबसे ज्यादा वेस्टेज का रिकार्ड है। अप्रैल में बर्बादी थोड़ी कम हुई। मई माह की 11 मई तक दवा बर्बाद होती रही। 12 मई से अब तक दवा बर्बाद नहीं हुई है।
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पहले फोन पर बुलाया और एंबुलेंस भेजकर कराया टीकाकरण
टीकाकरण के लिए अब जिले के हालात बदले हुए है। पहले स्वास्थ्य विभाग को टीका लगाने के लिए लोगों को फोन करना पड़ता था। यहां तक कि छपरौली में एंबुलेंस भेजकर लोगों को टीकाकरण के लिए बुलवाया गया था। अब लोग जागरूक होकर खुद ही स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। इससे भी वैक्सीन की बर्बादी पर अंकुश लगा है।
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--टीकाकरण के दौरान वैक्सीन बर्बादी जीरो प्रतिशत हो रही है, यह जिले के लिए उपलब्धि है। टीकाकरण में जिला प्रदेश में चौथे नंबर पर है। अब दस लोगों के आने पर ही कोरोना का टीकाकरण किया जा रहा है। इसी वजह से वैक्सीन की वेस्टेज जीरो हो गई है।
डा. आरके टंडन, मुख्य चिकित्साधिकारी।