एक तस्वीर ने खोल दी पौधारोपण की पोल
इंटरनेट मीडिया पर एक तस्वीर ने पौधारोपण अभियान की पोल खोल दी है।
बागपत, जेएनएन। इंटरनेट मीडिया पर एक तस्वीर ने पौधारोपण अभियान की पोल खोल दी है। इस तस्वीर में जुगाड़ में ईंट पत्थरों की तरह ऊपर नीचे भरे सैकड़ों पौधे भरे हैं। इससे कई पौधे नष्ट होने व कई पौधों का रोपण न किए जाने की आशंका है। ये पौधे किस सरकारी महकमे ने भेजे है। इसका जांच के बाद ही पता चलेगा।
चार जुलाई को पौधारोपण महाअभियान के अंतर्गत जनपद में 11,26,900 पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन बागपत में सरकारी तंत्र ने लक्ष्य को पार करते हुए 11,26,955 पौधों का रोपण किया यानि 55 पौधे ज्यादा रौपे गए। प्रभारी मंत्री डाक्टर धर्म सिंह सैनी स्वयं बागपत में आए और अभियान का हिस्सा बने थे। लक्ष्य को पार करने पर छोटे से लेकर बड़े अधिकारी की तारीफ भी की थी। जिस तरह गांव, कस्बे और शहरों से पौधारोपण की तस्वीरें निकलकर सामने आई, उसे देखकर तो यही अंदाजा लगाया गया कि जल्द ही बागपत हरा भरा हो जाएगा, लेकिन इस अभियान की पोल जुगाड़ में ईंट पत्थरों की तरह ऊपर-नीचे भरे पौधों ने ही खोलकर रख दी है। यह तस्वीर छपरौली क्षेत्र की चार जुलाई की ही है और अब इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रही है। इस तस्वीर को देखकर लोग कह रहे हैं कि क्या इसी तरह लाखों पौधों को उनके रोपण स्थल पर भेजा गया था और यदि ऐसा हुआ है अंदाजा आराम से लगाया जा सकता है कि पौधारोपण कैसा हुआ होगा और कितनी जिम्मेदारी पौधारोपण करने वालों ने उठाई होगी। समाजसेवी आरआरडी उपाध्याय ने बताया कि पौधारोपण के रखरखाव और गांव, कस्बे और शहरों में पौधे भेजने का तरीका वन महोत्सव पौधारोपण अभियान की वास्तविकता की पोल खोलता है। यह दावा भी किया कि चार जुलाई को सरकारी नर्सरियों से ट्रैक्टर ट्राली और जुगाड़ आदि वाहनों में पौधों को ईट पत्थरों की तरह भरकर भेजा गया, जिनमें से लाखों पौधे तो रोपण से पहले ही बेकार हो गए। वन रेंजर राजपाल सिंह का कहना है कि वन विभाग के साथ-साथ कई और विभागों ने पौधारोपण किया था। वन विभाग ने सभी पौधों को सुरक्षित रोपण स्थल तक पहुंचा, लेकिन जुगाड़ में यह पौधे किस विभाग की ओर से भरकर भेजे गए, इसका जांच के बाद ही पता चलेगा।