35-36 फीसद धान की फसल को बारिश से नुकसान

बेमौसम बारिश से तहसील क्षेत्र में 35-36 फीसद धान की फसल को नुकसान पहुंचा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 08:23 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 08:23 PM (IST)
35-36 फीसद धान की फसल को बारिश से नुकसान
35-36 फीसद धान की फसल को बारिश से नुकसान

बागपत, जेएनएन। बेमौसम बारिश से तहसील क्षेत्र में 35-36 फीसद धान की फसल को नुकसान पहुंचा है। अन्य फसलों को भी बारिश ने प्रभावित किया है।

तीन दिन पूर्व मौसम के यू-टर्न से बारिश होने लगी थी। कई घंटे हुई बारिश से चहुंओर खेतों में खड़ी फसल जलमग्न हो चुकी है। बागपत में करीब 5600 हेक्टेयर जमीन पर धान की पैदावार होती है। पानी धान फसल के लिए वरदान है, परंतु दो दिन से हो रही बे-मौसम बारिश धान पर आफत बनी है। क्षेत्र में करीब 35-36 प्रतिशत धान की फसल बर्बादी की तरफ पहुंच चुकी है। पानी में गिरने से धान के दाने की गुणवत्ता काफी हद तक प्रभावित होगी। जिस खेत में धान की फसल गिरी है अगर संभव हो सके तो खेत का पानी जल्द निकाला जाए। साथ ही किसान फसल को कटाई तक चूहों से भर बचाकर रखे। इससे अधिक नुकसान होने से बचाया जा सकता है। बारिश से हरी पत्तेदारी सब्जियों में जैसे मेथी, पालक, बथुआ आदि की बुआई प्रभावित होगी। अक्टूबर में बुआई की जाने वाले आलू के जमाव पर भी काफी प्रभाव होगा। कृषी विज्ञान केन्द्र के सस्य प्राध्यापक डा. संदीप चौधरी के मुताबिक चार पांच दिन में मौसम साफ होने की संभावना है। वायरल से बचाव को मास्क, डेंगू से बचाव को मच्छरदानी का करें प्रयोग

बेमौसमी बारिश से डेंगू बढ़ने का खतरा है। वहीं वायरल भी लोगों को गिरफ्त में लेगा। ऐसे में बचाव के लिए सीएचसी अधीक्षक डा. ताहिर ने बताया कि जब तक पूर्ण रूप से ठंड शुरू नहीं होती लोगों को खुद को सुबह शाम के मौसम से बचाना चाहिए। अगर किसी को बुखार है तो गर्म कपड़ों का प्रयोग करें। इसके साथ मास्क का भी पूर्ण रूप से प्रयोग करें। कोरोना के साथ वायरल बुखार भी संक्रमण ही है। बारिश के पानी से मच्छरों का पुराना लार्वा मर जाता है तो पानी एकत्रित होने से नए लार्वा के पनपने का खतरा भी बढ़ता है। लोग अपने कमरे की खिड़की पर जाली आदि लगवाएं। अगर संभव नहीं है तो मच्छरदानी का प्रयोग करने के साथ मच्छर भगाने के लिए आलआउट आदि का प्रयोग करें। अगर कोई मच्छर भगवाने के लिए क्वायल आदि का प्रयोग करता है तो रात भर जलाकर न सोएं। कम से कम प्रयोग करे। इसका धुआं काफी नुकसानदायक होता है।

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