कोरोना काल में 23 और 2021 में मिले 27 एड्स के मरीज
बागपत जेएनएन। आज विश्व एड्स दिवस (एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिड्रोम) पर जनपद ही नहीं दुनियाभर
बागपत, जेएनएन। आज विश्व एड्स दिवस (एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिड्रोम) पर जनपद ही नहीं, दुनियाभर में कार्यक्रम होंगे। इस दिवस को मना तो रहे है, लेकिन यह भूल जाते है बीमारी लापरवाही से बढ़ रही है। हालत ऐसे है कि जिले में भी बीमारी से लोग ग्रस्त हो रहे हैं। इस वर्ष की बात करें तो 27 लोग प्राण घातक बीमारी की जकड़ आ गए हैं।
एड्स की जागरूकता तो बढ़ी है, लेकिन लापरवाही कम नहीं हुए है। अभी भी लोग इस बीमारी की जकड़ आ गए, लेकिन बाद ताउम्र पछताने के सिवाय कुछ नहीं रहता है। मानव शरीर एचआइवी से छुटकारा नहीं पा सकता है, क्योंकि दुनिया भर में फिलहाल एचआइवी का कोई प्रभावी इलाज नहीं है। यह बीमारी एक दूसरे को छूने से, हाथ से हाथ का स्पर्श, साथ-साथ खाने, उठने और बैठने, एक-दूसरे का कपड़ा इस्तेमाल करने से नहीं होता है। एड्स पीड़ित व्यक्ति के साथ विनम्र व्यवहार जरूरी है ताकि वह आम जीवन जी सके। एचआइवी एड्स के नोडल अधिकारी डा. अनुराग वाष्र्णेय ने बताया कि जिले में 2020 में 7101 लोगों की जांच की, जिसमें 23 एड्स के मरीज मिले, लेकिन बढ़कर वर्ष 2021 में संख्या बढ़कर 27 हो गए। इस वर्ष 8020 लोगों की जांच की। वर्ष 2019 की बात करें जिले में 12495 लोगों की जांच की गई, जिसमें 89 मरीज मिले। इनमें महिला, पुरुष, बच्चे और किन्नर शामिल हैं।
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ये है प्रमुख कारण
--ब्लड-ट्रांसफ्यूजन के दौरान शरीर में एचआइवी संक्रमित रक्त के चढ़ाए जाने से, एचआइवी पाजिटिव महिला की गर्भावस्था या प्रसव के दौरान या फिर स्तनपान कराने से नवजात शिशु बीमारी हो सकती है। रक्त या शरीर के अन्य द्रव्य एक दूसरे में मिल जाने से और एक दूसरे लोगों के ब्लेड, उस्तरा और टूथ ब्रश का इस्तेमाल करने से भी एचआइवी का खतरा रहता है
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एड्स के लक्षण
--एड्स होने पर मरीज का वजन अचानक कम होने लगता है और लंबे समय तक बुखार हो सकता है. काफी समय तक डायरिया बना रह सकता है. शरीर में गिल्टियों का बढ़ जाना व जीभ पर भी काफी जख्म आदि हो सकते हैं।
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एड्स इन सब कारणों से नहीं फैलता
-घर या ऑफिस में साथ-साथ रहने से
-हाथ मिलाने से
-कमोड, फोन या किसी के कपड़े
-मच्छर के काटने से।