डेंगू से युवक की मौत, पिता समेत नौ चपेट में आए

डेंगू का प्रकोप अब चरम पर आ चुका है। जहां एक युवक की बरेली के निजी अस्पताल में डेंगू की चपेट में आकर मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 12:18 AM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 06:02 AM (IST)
डेंगू से युवक की मौत, पिता समेत नौ चपेट में आए
डेंगू से युवक की मौत, पिता समेत नौ चपेट में आए

जागरण संवाददाता, बदायूं : डेंगू का प्रकोप अब चरम पर आ चुका है। जहां एक युवक की बरेली के निजी अस्पताल में डेंगू की चपेट में आकर मौत हो गई। वहीं उसके परिवार के ही नौ लोगों को भी संभावित डेंगू हुआ है। कार्ड की जांच से इनमें डेंगू की पुष्टि हुई है। सगा भाई बरेली में ही भर्ती है। यह परिवार गांव के प्रधान का है। जिला अस्पताल में इन नौ मरीजों को भर्ती कर सैंपल लिया गया है। इसके अलावा जिला अस्पताल से रविवार को भेजे गए चार संभावित मरीजों में से तीन की जांच में इस बीमारी की पुष्टि हो गई है। सभी का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। उझानी कोतवाली क्षेत्र के गांव बुटला दौलत निवासी अहिवरन गांव के प्रधान हैं। उनके भाई प्रेमचंद्र के बेटे विद्याराम (25) को पिछले दिनों डेंगू हुआ था। परिजन उसे बरेली के निजी अस्पताल ले गए। वहां उसकी इलाज के दौरान दो दिन पहले मौत हो गई। मृतक के सगे भाई देशराज (16) में भी डेंगू की पुष्टि होने पर उसे बरेली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। यहां उसकी हालत चिताजनक बनी हुई है। वहीं सोमवार को उसके पिता प्रेमचंद्र, भाई विवेक, भाभी शीला पत्नी कृष्णपाल, भतीजा सचिन (12) पुत्र कृष्णपाल के अलावा अहिवरन के दो बेटे आशीष (18) व यशपाल (14) के साथ ही परिवार की ही रेनू (12), प्रीति (17) पुत्री तोताराम की भी हालत बिगड़ गई। इन सभी को सीएचसी उझानी से जिला अस्पताल रेफर किया गया।

यहां कार्ड से जांच में सभी में डेंगू की पुष्टि हो गई। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत ही सभी का सैंपल लेकर उसे जांच को बरेली सेंट्रल लैब भेजा है। इन मरीजों को वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. राजेश वर्मा की देखरेख में रखा गया है। डेंगू वार्ड में भर्ती करने के साथ ही समय-समय पर इनकी जांचें हो रही हैं। ताकि बुखार कम हो सके। इंसेट

चार सैंपल गए, तीन में पुष्टि

डॉ. राजेश वर्मा ने बताया कि रविवार को चार मरीजों के सैंपल बरेली लैब भेजे गए थे। इनमें कार्ड से डेंगू की पुष्टि हुई थी। तीन मरीजों की रिपोर्ट में डेंगू निकला है। उनका भी इलाज चल रहा है। हालांकि यह मरीज ज्यादा गंभीर नहीं हैं और उन्हें इलाज और देखरेख के बाद इस बीमारी की चपेट से निकाला जा सकता है।

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