बदायूं में गंगा में बढ़ा जलस्तर, पांच गांवों में घुसा पानी
पहाड़ों पर हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। कछला में रविवार को मीटर गेज 161.85 मीटर था जो कि सोमवार को 161.50 मीटर पर पहुंच गया। इससे सहसवान के पांच गांव में उफान आया है। कछला गंगा घाट पर प्रसाद बिक्री को लगाईं झोपड़ियां जलमग्न हो गई। जबकि सहसवान तहसील के पांच गांवों में पानी घुस गया है।
बदायूं, जेएनएन : पहाड़ों पर हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। कछला में रविवार को मीटर गेज 161.85 मीटर था, जो कि सोमवार को 161.50 मीटर पर पहुंच गया। इससे सहसवान के पांच गांव में उफान आया है। कछला गंगा घाट पर प्रसाद बिक्री को लगाईं झोपड़ियां जलमग्न हो गई। जबकि सहसवान तहसील के पांच गांवों में पानी घुस गया है। वहीं, घाट पर भी आरती स्थल तक पानी पहुंच गया है। घाट पर प्रसाद बिक्री के लिए बनीं झोंपड़ियां जलमग्न हो गई है। तटवर्ती गांवों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए सोमवार को सीडीओ निशा अनंत और एडीएम वित्त नरेंद्र बहादुर सिंह ने बाढ़ प्रभावित गांवों का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों से सतर्क रहने को कहा। इसके साथ सदर, सहसवान व दातागंज के अफसरों को अलर्ट किया है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय करने और राहत कार्य के लिए नाविकों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
गंगा में दो दिन से जलस्तर बढ़ रहा है। सोमवार शाम तक पुल के पास आरती स्थल तक पानी पहुंचा। घाट पर प्रसाद बिक्री को बनीं झोपड़ियां पानी में डूब गई। दुकानदार तख्त व झोपड़ी को बाहर निकालने में जुटे हैं। नरौरा से पानी छोड़ना जारी रहने से शमशान घाट तक पानी पहुंच गया है। अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तटवर्ती गांवों के लोगों को सतर्क किया है।
आने वाले दिनों में और बढ़ेगा जलस्तर
सोमवार को नरौरा बैराज से गंगा में दो लाख 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे गंगा में उफान आ गया। कछला में मीटर गेज बढकर 162.80 मीटर पर पहुंच गया जो रविवार को 161.85 मीटर था। सोमवार को बिजनौर से एक लाख 74 हजार 469 क्यूसेक और हरिद्वार से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है। इससे आने वाले दिनों में भी जलस्तर बढ़ने की आशंका है।
गंगा महावा बांध से सटकर बह रहा पानी
संस, सहसवान : गंगा में पानी छोड़ना जारी रहने से पहले से भरी गंगा में उफान आ गया। पानी गंगा महावा बांध से सट कर बहने लगा है। इससे बांध के उस पार बसे आधा दर्जन गांव पानी से घिर गए हैं और कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सोमवार को सीडीओ निशा अनंत, एडीएम वित्त नरेंद्र बहादुर सिंह, एसडीएम ज्योति शर्मा, तहसीलदार दीपक चौधरी ने बाढ़ क्षेत्र का दौरा किया। ग्रामीणों व अफसरों को जरूरी निर्देश दिए। उफान लेती गंगा की लहरें जीएम बांध पर टकराने लगी हैं। किसानों की हजारों बीघा मेंथा, मक्का, बाजरा, गन्ना आदि की फसलें जलमग्न होने इनके नष्ट होने की आशंका है। ग्रामीणों से की सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील
वीर सहाय नगला, परशुराम नगला, भमरौलिया, खागी नगला समेत डूब क्षेत्र में बसे सभी गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। सीडीओ व एडीएम ने ग्रामीणों से कहा कि वह प्रशासन द्वारा आवंटित भूमि पर अपने आशियाने बना लें। पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दें। इससे पानी बढ़ने पर सुरक्षित रहे। बाढ़ खंड के इंजीनियरों व तहसील कर्मियो को क्षेत्र में कैंप कर राहत और बचाव कार्य करने के निर्देश दिए। तहसील प्रशासन ने बताया कि बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के आवागमन को नावों की व्यवस्था कराई है। इधर, एक्सईएन उमेश चन्द्र के नेतृत्व में एई आरके मौर्य, जेई रामौतार आर्य, सतेन्द्र पुरी गोस्वामी आदि की टीम भी बांध के संवेदनशील स्थानों की निगरानी कर रही है। राजस्व निरीक्षक भगवान दास, हल्का लेखपाल पुष्पेंद्र सिंह क्षेत्र में कैंप कर हालातों पर निगाह रखे हैं।