मलेरिया के डंक से बचेंगे गांव के लोग, प्रवासियों को मिलेगा रोजगार

जागरण संवाददाता बदायूं गांवों में अब गोबर निस्तारण की योजना बनी है जिसमें पूरे गांव के गोबर को गढ्डे में दबाया है। इसके लिए पंचायती राज विभाग से कर्मचारी लगाकर मनरेगा से गड्ढों की खोदाई कराई जाएगी। इसमें प्रवासियों को लगाएंगे। ताकि उनको रोजगार मिलेगा। सबसे पहले मलेरिया प्रभावित गांवों में गोबर को गड्ढों में दबाने का काम शुरू होगा। इससे तैयार जैविक खाद तैयार को किसान खेती में प्रयुक्त करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 12:18 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 12:18 AM (IST)
मलेरिया के डंक से बचेंगे गांव के लोग, प्रवासियों को मिलेगा रोजगार
मलेरिया के डंक से बचेंगे गांव के लोग, प्रवासियों को मिलेगा रोजगार

जागरण संवाददाता, बदायूं : गांवों में अब गोबर निस्तारण की योजना बनी है, जिसमें पूरे गांव के गोबर को गढ्डे में दबाया है। इसके लिए पंचायती राज विभाग से कर्मचारी लगाकर मनरेगा से गड्ढों की खोदाई कराई जाएगी। इसमें प्रवासियों को लगाएंगे। ताकि उनको रोजगार मिलेगा। सबसे पहले मलेरिया प्रभावित गांवों में गोबर को गड्ढों में दबाने का काम शुरू होगा। इससे तैयार जैविक खाद तैयार को किसान खेती में प्रयुक्त करेंगे।

संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए शहर से लेकर देहात तक विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है। मच्छरों का लार्वा खत्म करने को गांव-गांव तालाबों में गम्बूसिया मछली भी छोड़ी जा रही हैं। अब गांवों में गोबर के निस्तारण पर जोर दिया जा रहा है। यहां गोबर को इकट्ठा कर गांव के बाहर निस्तारित किया जाएगा। इसके लिए मनरेगा में प्रवासी श्रमिकों से गढ्डे खुदवाए जाएंगे। इससे बारिश में उन्हें रोजगार मिलेगा। वहीं, गांव के लोगों को मच्छर जनित बीमारियों से बचाया जा सकेगा।

इंसेट ..

खड़ंजे पर बांधे जानवर तो होगी कार्रवाई

देहात क्षेत्र में गंदगी का दंश दूर करने के लिए सड़क और खड़ंजे पर पशु बांधने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की गई है। इससे गंदगी नहीं फैले और नालियां चोक नहीं हो। इससे बारिश में मच्छर नहीं बढ़े। ऐसे पशुपालकों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। वर्जन ..

गांव में जगह-जगह गोबर फैलने से मच्छर ज्यादा पनपते हैं इससे संक्रामक और मच्छर जनित रोग फैलने का खतरा रहता है। गोबर निस्तारण की योजना में मनरेगा से गड्ढों की खोदाई कराएंगे, जिसमें पूरे गांव का गोबर दबाया जाएगा। यह कार्य प्रवासियों से कराएंगे। गोबर से तैयार खाद को किसान फसलों में लगा सकते हैं।

- डॉ. सरनजीत कौर, डीपीआरओ

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