क्षय रोगी बीच में न छोड़े इलाज, लौट सकती है बीमारी

विश्व क्षय दिवस के मौके पर वक्ताओं ने कहा कि क्षयरोगी बीच में इलाज न छोड़ें।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Mar 2019 12:28 AM (IST) Updated:Wed, 27 Mar 2019 12:28 AM (IST)
क्षय रोगी बीच में न छोड़े इलाज, लौट सकती है बीमारी
क्षय रोगी बीच में न छोड़े इलाज, लौट सकती है बीमारी

बदायूं : विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर हुई गोष्ठी में क्षय रोग पर विस्तार से चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने क्षय रोग के इलाज के बारे में बताया तो जिले भर को इस बीमारी से मुक्त कराने का संकल्प लिया गया। जानकारों ने कहा कि क्षय रोगी बीच में इलाज नहीं छोड़ें नहीं तो बीमारी फिर से लौट सकती है। मंगलवार को सीएमओ कार्यालय में हुई गोष्ठी में जिला क्षय रोग अधिकारी डाड आरसी दीक्षित ने कहा कि सभी को मिलकर समाज को क्षय रोग से मुक्त करवाना है। क्षय रोग मुक्त समाज की स्थापना ही सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि समाज में क्षय रोग के बारे में जो भ्रांति फैली हुई हे उसको दूर करना है। क्षय रोग का पूरा इलाज संभव है और यह बीमारी छूआछूत से नहीं फैलती है इसलिए किसी भी क्षय रोगी से भेदभाव नहीं करना चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि सभी कर्मचारियों और समाज के सभ्रांत लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए क्षय रोग से मुक्त समाज की स्थापना पर जोर देना चाहिए। सीएमओ डा. राजेंद्र कुमार ने कहा कि नियमित जांच और पूरे इलाज से मरीज ठीक हो जाता है। क्षय रोगियों को एमडीआर से बचाने के लिए डाट्स प्रणाली का कड़ाई से पालन किया जाये, सभी डाट्स कर्मचारी क्षय रोगियों के प्रति व्यवहार मुधर रखें। केंद्र सरकार ने अप्रैल 2018 के बाद से दवा खाने वाले सभी क्षय रोगियों को पांच सौ रुपये प्रतिमाह उनके खातों में भेजने शुरू किए हैं। गोष्ठी में एसीएमओ डा. केके जौहरी, डा. अनवर सादात, डा. गोविद, डा. आरपी गंगवार, सुहेल, मुहल्ला मुस्लिम, ब्रजेश राठौर आदि मौजूद रहे।

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