कोठी तोड़ने को एक साल से चल रही थी जद्दोजहद

जागरण संवाददाता बदायूं पूर्व विधायक रामसेवक सिंह की कोठी का मामला प्रशासन के पास पिछले एक साल से लंबित चल रहा था। लेकिन कमिश्नर के यहां अपील लंबित होने से कोठी नहीं तोड़ी जा पा रही थी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 01:34 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 01:34 AM (IST)
कोठी तोड़ने को एक साल से चल रही थी जद्दोजहद
कोठी तोड़ने को एक साल से चल रही थी जद्दोजहद

जागरण संवाददाता, बदायूं : पूर्व विधायक रामसेवक सिंह की कोठी का मामला प्रशासन के पास पिछले एक साल से लंबित चल रहा था। लेकिन, कमिश्नर के यहां अपील लंबित होने से कोठी नहीं तोड़ी जा पा रही थी। पिछले दिनों कमिश्नर के यहां अपील खारिज हुई, तो जिला प्रशासन ने मंगलवार से कोठी तोड़ना शुरू किया। इसके चलते रूट डायवर्ट भी करना पड़ा। इससे राहगीरों को काफी परेशानी हुई।

पूर्व विधायक की कोठी को तोड़ने से पहले दातागंज तिराहे से लेकर इंदिरा चौक तक का रूट पूरी तरह से डायवर्ट कर दिया गया। दोनों ओर पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया। रूट डायवर्जन के कारण लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ीं। सुबह के वक्त जब प्रशासनिक अमला पूर्व विधायक की कोठी को तोड़ने पहुंचा तो सात जेसीबी मंगवाई गई थीं। रोड किनारे से जब कोठी को तोड़ना शुरू किया तो कोठी की मजबूती से तीन जेसीबी खराब हो गईं। इसके बाद क्रेन को बुलाकर कोठी के ऊपरी हिस्से में लगे शीशे तोड़े गए। सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक सभी जेसीबी चलती रहीं, लेकिन कोठी पूरी तरह से नहीं टूट पाई। प्रशासनिक अमला किसी और दिन कोठी को पूरी तरह से ध्वस्त कराने की बात कहते हुए वहां से चला गया।

चार थानों का लगाया गया फोर्स, दो सीओ रहे तैनात

कोठी को तोड़ने से पहले पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया। कोठी तोड़ने की कार्रवाई सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में शुरू की गई। सुरक्षा के लिहाज सीओ सिटी और सीओ उझानी को भी यहां तैनात किया गया था। इनके अलावा चार थानों का फोर्स बुलाया गया। महिला कांस्टेबल भी वहां तैनात रहीं।

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