शहर से लेकर देहात तक डीएपी की किल्लत, किसान परेशान
जेएनएन बदायूं जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते अन्नदाता डीएपी एवं यूरिया की किल्लत से जूझ रह
जेएनएन, बदायूं : जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते अन्नदाता डीएपी एवं यूरिया की किल्लत से जूझ रहे हैं। वजह है कि सहकारी समिति और एग्रो सेंटर पर खाद की उपलब्धता पर धांधली हो रही है। जबकि जिम्मेदार जिले में भरपूर खाद की उपलब्धता का दावा कर रहे हैं। आलू और सरसों की फसल के चलते डीएपी और यूरिया की मांग को लेकर किसान सुबह से शाम तक समितियों के बहार कतारें लगने को मजबूर है। ऐसे में किसान डीएपी व यूरिया बाजार से महंगे दाम में खरीदने को मजबूर हैं।
जिले में डीएपी का संकट बरकरार है। सदर तहसील क्षेत्र के अलावा वजीरगंज, बिसौली, दातागंज, जगत, उसावां, म्याऊं आदि इलाकों की अधिकांश साधन सहकारी समितियों पर डीएपी और यूरिया की उपलब्धता पर सवाल उठ रहे हैं। यहां खाद ही उपलब्धता न होने की वजह से इन क्षेत्रों के किसान शहर की मंडी समिति रोड पर स्थित इफको किसान सेवा केंद्र पर खाद लेने पहुंच रहे हैं। गुरुवार को तमाम ऐसे किसान यहां लाइने में खड़े थे, जोकि दूसरे ब्लाक क्षेत्र के रहने वाले थे। धान की कटाई के बाद गेहूं की फसल की तैयारी होने लगी है। इसके अलावा आलू और सरसों की बुवाई हो चुकी है। इससे किसानों को खाद की बेहद आवश्यकता है। अफसरों का दावा है कि समितियों पर खाद भेजी गई है, लेकिन किसान बताते है कि डीएपी और एनपीके समितियों पर उपलब्ध नहीं है। इस वजह से वह स्थानीय केंद्रों को छोड़ यहां खाद लेने आए है। इससे कयास लगाए जा रहे है कि डीएपी समिति संचालकों और खाद कालाबाजारियों की भेंट चढ़ गई है।
वजीरगंज के गांव रेहड़िया से आए है। वहां के समितियों पर खाद नहीं है। इस वजह से यहां डीएपी लेने के लिए आना पड़ा है। प्राइवेट दुकानों पर खाद महंगी मिल रही है।- रामचंद्र, किसान अलापुर के गांव गभियाई से आए है। ब्लाक क्षेत्र की सहकारी समिति पर डीएपी के लिए किसानों को लौटाया जा रहा है। इससे वजह से यहां डीएपी खरीदने के लिए सुबह आए। -आसिफ, किसान समितियों पर खाद की कालाबाजारी की जा रही है। सुबह से लाइन में लगे है, दोपहर तक खाद नहीं मिली है। किसानों को डीएपी न मिलने से परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है।-हरिबाबू, किसान अंबियापुर ब्लाक के सिमर्रा भोजपुर गांव के किसानों को स्थानीय स्तर पर खाद उपलब्ध नहीं हो रही है। समिति संचालक खाद की कालाबाजारी कर रहे है। इसक खमियाजा अन्नदाता को भुगतना पड़ रहा है।- ह्रदेश,किसान