117 साल पुराने जेल के खंडहर भवन को ढहाया
जेल तिराहे के सौंदर्यीकरण में बाधक बन रहे 117 साल पुराने जेल के खंडहर भवन पर जेसीबी चलाई गई। करीब दो घंटे में पूरी बिल्डिग को ढहा दिया गया। हादसा रोकने के लिए ध्ववस्तीकरण कार्रवाई चलने तक रूट डायवर्जन किया गया। सिटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार ने मलबा हटवाने के लिए पालिका प्रशासन को निर्देश दिए। चौराहे के सौंदर्यीकरण के लिए कार्यदायी संस्था को भी निर्देशित किया।
जागरण संवाददाता, बदायूं : जेल तिराहे के सौंदर्यीकरण में बाधक बन रहे 117 साल पुराने जेल के खंडहर भवन पर जेसीबी चलाई गई। करीब दो घंटे में पूरी बिल्डिग को ढहा दिया गया। हादसा रोकने के लिए ध्ववस्तीकरण कार्रवाई चलने तक रूट डायवर्जन किया गया। सिटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार ने मलबा हटवाने के लिए पालिका प्रशासन को निर्देश दिए। चौराहे के सौंदर्यीकरण के लिए कार्यदायी संस्था को भी निर्देशित किया। तत्कालीन एसएसपी अशोक कुमार शर्मा ने शहर के प्रमुख चौराहों के सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की थी। उन्होंने जेल के पिछले गेट पर बनी अपनी पुलिस चौकी को तुड़वाया। वहां आसपास की दुकानों को भी तोड़ा गया। उस पुलिस चौकी को वहां से हटवाकर जेल के सामने खाली पड़ी जमीन पर बनवाया गया। तत्कालीन एसएसपी की इस योजना से सभी चौराहे अतिक्रमण की जद से आजाद हो गए। अब डीएम कुमार प्रशांत ने जेल तिराहे का अधूरा पड़ा सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा कराने के निर्देश सिटी मजिस्ट्रेट को दिए। जिस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने जगह का मौका-मुआयना किया। सौंदर्यीकरण में बाधक बन रही जेल के खंडहर भवन को पालिका की टीम बुलवाकर तुड़वा दिया। मलबे में 1903 की ईट भी निकली। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि अब जल्द ही चौराहे का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। इसके लिए उन्होंने वहां पर लगे पोल को शिफ्ट करने के निर्देश विद्युत विभाग को दिए हैं। पोल शिफ्ट होने के बाद जेल तिराहे की सूरत बदली-बदली दिखाई देगी।