बदायूं में आसान नहीं प्रथम नागरिक बनने की राह

जिले का प्रथम नागरिक बनने के लिए सियासी रण में अभी तक कोई महारथी मैदान में नहीं उतरा है। लेकिन कड़ा मुकाबला होने के आसार दिखने लगे हैं। किसी के लिए भी कुर्सी पर काबिज होने की राह आसान नहीं होगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 12:34 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 12:34 AM (IST)
बदायूं में आसान नहीं प्रथम नागरिक बनने की राह
बदायूं में आसान नहीं प्रथम नागरिक बनने की राह

बदायूं, जेएनएन : जिले का प्रथम नागरिक बनने के लिए सियासी रण में अभी तक कोई महारथी मैदान में नहीं उतरा है। लेकिन, कड़ा मुकाबला होने के आसार दिखने लगे हैं। किसी के लिए भी कुर्सी पर काबिज होने की राह आसान नहीं होगी। सत्ताधारी पार्टी भाजपा व विरोधी दल सपा ने गुरुवार को भी अपने पत्ते नहीं खोले। प्रदेश मुख्यालय पर अंदरखाने भाजपा में दो दावेदारों के बीच कशमकश की स्थिति है। उम्मीद है कि शुक्रवार को तस्वीर साफ हो सकती है। वहीं, सियासी गलियारे में चर्चा है कि सपा पूर्व विधायक सिनोद शाक्य की पत्नी सुनीता शाक्य पर दांव लगा सकती है। हालांकि, पार्टी ने अभी तक इस बारे में अधिकृत बयान जारी नहीं किया है।

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव की अधिसूचना जारी की जा चुकी है। प्रशासन ने नामांकन से लेकर मतदान और मतगणना तक की तैयारी कर ली है। हालांकि, राजनीतिक दल प्रत्याशी चयन करने में पिछड़ गए हैं। भाजपा में कुर्सी के चार दावेदारों के नाम शामिल थे। लेकिन, अब दो लोगों के बीच कशमकश है। संगठनात्मक मजबूती के साथ जातीय समीकरण पर भी मंथन जारी है। शुक्रवार को टिकट घोषित होने की उम्मीद है। वहीं, सपा में कई विकल्पों पर मंथन चल रहा है। बसपा से बाहर होने के बाद मजबूत राजनीतिक मंच तलाश रहे पूर्व विधायक सिनोद शाक्य की पत्नी सुनीता शाक्य निर्दलीय जिपं सदस्य निर्वाचित हुई हैं। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो सपा के बड़े नेताओं से सिनोद शाक्य की मीटिग हो चुकी है। संभावना है कि सपा इन पर दांव लगा सकता है। भाजपा व सपा के जिम्मेदार अभी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। बस, इतना ही कह रहे है कि एक-दो दिन में स्थिति साफ हो जाएगी। इनसेट ::

राज्यमंत्री महेश गुप्ता बने भाजपा के चुनाव प्रभारी

भाजपा हाईकमान ने अभी तक किसी भी दावेदार को ग्रीन सिग्नल नहीं दिया है। लेकिन, नगर विकास राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता को चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी सौंप दी है। कहने को यह बहुत आसान चुनाव है, क्योंकि 51 सदस्यों के बीच ही हार-जीत का फैसला होना है, पर धरातल पर यह चुनाव उतना ही कठिन है। इसकी मुख्य वजह यह है कि किसी भी पार्टी के पास बहुमत का आंकड़ा पार करने के लिए पार्टी के अधिकृत सदस्य निर्वाचित नहीं हुए हैं। इसलिए एक-एक वोट के लिए मशक्कत करनी होगी। इनसेट ::

750 का पर्चा, पांच हजार जमानत राशि

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के नामांकन पत्र की कीमत 750 रुपये व जमानत राशि पांच हजार रुपये जमा है। प्रत्याशी के चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा चार लाख रुपये तय की गई है।

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