विदेशों में बढ़ी डॉ. दीप्ति जोशी के संग्रह की मांग

साहित्यकार डॉ. दीप्ति जोशी गुप्ता के सुनो तुम मुझसे वादा करो शीर्षक की 43 कहानियों के संग्रह की अब जापानी फ्रेंच डच भाषा में अनुवादित प्रतियों की मांग तेज हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 12:35 AM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 12:35 AM (IST)
विदेशों में बढ़ी डॉ. दीप्ति जोशी के संग्रह की मांग
विदेशों में बढ़ी डॉ. दीप्ति जोशी के संग्रह की मांग

जागरण संवाददाता, बदायूं : साहित्यकार डॉ. दीप्ति जोशी गुप्ता के सुनो तुम मुझसे वादा करो शीर्षक की 43 कहानियों के संग्रह की अब जापानी, फ्रेंच, डच भाषा में अनुवादित प्रतियों की मांग तेज हो गई है। गुरुग्राम में पिछले 6 दिसंबर को पांच देश कनाडा, जापान, बेल्जियम, स्कॉटलैंड, ऑस्ट्रेलिया के साहित्यकारों के अलावा विश्वकर्मा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजनेहरू, चौधरी रणवीर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरबी सोलंकी और गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मारकंडेय आहूजा ने संग्रह का विमोचन किया था। डॉ. दीप्ति जोशी गुप्ता ने 2011 में नवगीत के नाम से काव्यसंग्रह व 2013 में भारतीय संदर्भ में आधुनिकता का स्वरूप विषय पर किताबें लिखीं। पति शहर के डॉ. वैभव गुप्ता ने सहयोग किया और प्रोत्साहित करते रहते हैं। देश भर के 43 साहित्यकारों से बात की और सत्य घटनाओं पर आधारित कहानियों को जोड़कर संग्रह तैयार किया। जिसकी अब विदेशों में मांग बढ़ गई है। कनाडा ने किया है सम्मानित

डॉ. दीप्ति को 2019 में कनाडा के विश्व हिदी संस्थान कल्चरल आर्गेनाइजेशन ने कनाडा में आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय हिदी साहित्य सम्मेलन में संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. सरल घई ने विश्व हिदी साहित्यसृजक सम्मान से सम्मानित किया है।

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