सिस्टम को 37 गांवों पर सता रहा बाढ़ का खतरा
बदायूं बाढ़ प्रभावित गांव में ग्रामीणों को बचाने की जद्दोजहद अभी से शुरू हो गई है। सिस्टम को
बदायूं : बाढ़ प्रभावित गांव में ग्रामीणों को बचाने की जद्दोजहद अभी से शुरू हो गई है। सिस्टम को बाढ़ का खतरा सता रहा है इसलिए अभी से फील्डवर्क शुरू कर दिया गया है। पूरी तैयारी के साथ जिम्मेदार अधिकारी बाढ़ प्रभावित गांव में जाकर कैंप कर रहे हैं। अब तक के सर्वे में करीब 37 गांव चिह्नित किए जा चुके हैं जो बाढ़ आई तो खतरे से जूझ सकते हैं। इसकी आशंका जाहिर करते हुए उन गांवों को दूसरी जगह बसाने की तैयारी की जा रही है ताकि आपदा आने पर वह सुरक्षित रह सकें। अब तक कुछ गांव दूसरी जगह बसाए जा चुके हैं। अब बाकी गांवों को भी दूसरे स्थान पर बसाने की तैयारी चल रही है।
हर साल बाढ़ यहां अपना प्रकोप दिखाती है। सैकड़ों गांव इसकी चपेट में आते हैं तो हजारों बीघा फसलें चौपट हो जाती हैं। इससे गंगा किनारे के किसान पूरी तरह से तबाह हो जाते हैं। बाढ़ में उनके घर तक बह जाते हैं इससे वह पूरी तरह तबाह हो जाते हैं। सिस्टम जब तक मदद को पहुंचता है तब तक उनके पास कुछ नहीं बच पाता है। ऐन वक्त पर सिस्टम के पास भी कोई ऐसा इंतजाम नहीं होता जिससे बाढ़ के प्रकोप को रोका जा सके। इस वजह से बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग तबाह होते हैं। उनकी साल भर की कमाई पल भर में ही खत्म हो जाती है। इससे वह खुले आसमान के नीचे आ जाते हैं। इस साल लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए पहले से ही इंतजाम शुरू कर दिए। बाढ़ प्रभावित इलाके में सभी बांध पर पहले भी कार्य कराया गया। ठोकरें भी दुरुस्त कराई गईं। एडीएम एफआर नरेंद्र बहादुर सिंह लगातार सभी कार्य की मॉनीटरिग करते रहे। ऐसे में सर्वे कराकर उन गांवों को चिह्रित किया गया जो बाढ़ प्रभावित इलाके के संवेदनशील हैं। ऐसे सभी गांवों को अब दूसरी जगह बसाने की मुहिम शुरू कर दी गई है। वर्जन ..
बाढ़ प्रभावित इलाके के अतिसंवेदनशील गांवों को सुरक्षित जगह पर बसाया जा रहा है, ताकि वहां के ग्रामीण बाढ़ आने पर सुरक्षित रह सकें। सभी जगह कैंप किया जा रहा है और सभी बाढ़ चौकियों पर अलर्ट जारी किया जा चुका है।
- नरेंद्र बहादुर सिंह, एडीएम एफआर