बदायूं में सामाजिक प्रभाव जानने के लिए हो रहा सर्वे

योगी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेस-वे को धरातल पर उतारने को 95 फीसद किसानों की जमीन क्रय कर ली है। आसपास के गांवों पर इसका प्रभाव जानने को गांव-गांव सर्वे कराया जा रहा है। दिल्ली की कंपनी सामाजिक समाघात का अध्ययन कर रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 12:04 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 12:04 AM (IST)
बदायूं में सामाजिक प्रभाव जानने के लिए हो रहा सर्वे
बदायूं में सामाजिक प्रभाव जानने के लिए हो रहा सर्वे

बदायूं, जेएनएन: योगी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेस-वे को धरातल पर उतारने को 95 फीसद किसानों की जमीन क्रय कर ली है। आसपास के गांवों पर इसका प्रभाव जानने को गांव-गांव सर्वे कराया जा रहा है। दिल्ली की कंपनी सामाजिक समाघात का अध्ययन कर रही है। जल्द ही टीम रिपोर्ट देगी, जिसे यूपीडा को भेजा जाएगा। फिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।

मेरठ से लेकर प्रयागराज तक बने रहे सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे में बदायूं जिले में सबसे अधिक लंबाई है। यहां बिसौली, बिल्सी, बदायूं और दातागंज तहसील क्षेत्र के 83 गांवों से होकर यह गुजरेगा। जिले में अब पांच फीसद उन्हीं किसानों की जमीन बची है जिनका कोई विवाद है अथवा न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है। अब जिन गांवों से होकर एक्सप्रेस-वे निकल रहा है। वहां इसका सामाजिक और पर्यावरण के लिहाज से क्या प्रभाव पड़ेगा। इसका सर्वे शुरू करा दिया है। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि सर्वे का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है। अगले सप्ताह कंपनी रिपोर्ट दे सकती है, जिसे यूपीडा को भेजा जाएगा। इसके बाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। मुआवजा मांग रहे किसानों के साथ धरने पर बैठे कांग्रेसी

फोटो : 19 बीडीएन 13

संसू ,बिसौली : गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए दी जमीन के भुगतान के लिए किसानों का धरना शनिवार को भी जारी रहा। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ओमकार सिंह ने कहा कि अगर मंगलवार तक उचित कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितैषी बनने का ढोंग कर रही है। धरने पर पहुंचे एसडीएम राजेश कुमार ने कहा कि शासन को पूरी कार्यवाही भेज दी है। सोमवार तक बजट आने की उम्मीद है। शीघ्र ही मुआवजा मिल जाएगा। इस मौके पर कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष सोमेंद्र यादव, कृष्णवीर मौर्य, मोरपाल कश्यप, रामरतन पटेल, प्रेमपाल सिंह यादव, लोकपाल सिंह, सतानन्द पाल, नन्हे सिंह, भोले सिंह, देवपाल, नरेश, चंद्रसेन, जयपाल, मोहर सिंह, ताराचंद्र, इकबाल, रामवती, विद्यादेवी आदि मौजूद रहे।

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