बदायूं में सचिव के बेटे ने विकास भवन के सामने खुद को लगाई आग

विकास भवन पर बुधवार को अपराह्न करीब सवा बजे अचानक अफरा-तफरी मच गई। गबन के आरोप में निलंबित साधन सहकारी सिठौली के निलंबित सचिव के बेटे ने पेट्रोल छिड़क कर खुद को आग लगा ली जिससे वह झुलस गया। दूसरा बेटा भी उसके साथ खुद को जलाने की कोशिश कर रहा था। वहां मौजूद होमगार्डों ने आग लगाने वाले युवक को बचाया और अस्पताल पहुंचाया दूसरे बेटे को भी पकड़ लिया था। झुलसा युवक राजकीय मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। सचिव का दूसरा बेटा विकास भवन पर हंगामा करता रहा अधिकारियों ने सिविल लाइन थाने की पुलिस बुला ली। वहां मौजूद युवक समेत दो लोगों को पुलिस जबरन पकड़कर थाने ले गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 11:41 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 11:41 PM (IST)
बदायूं में सचिव के बेटे ने विकास भवन के सामने खुद को लगाई आग
बदायूं में सचिव के बेटे ने विकास भवन के सामने खुद को लगाई आग

बदायूं, जेएनएन: विकास भवन पर बुधवार को अपराह्न करीब सवा बजे अचानक अफरा-तफरी मच गई। गबन के आरोप में निलंबित साधन सहकारी सिठौली के निलंबित सचिव के बेटे ने पेट्रोल छिड़क कर खुद को आग लगा ली, जिससे वह झुलस गया। दूसरा बेटा भी उसके साथ खुद को जलाने की कोशिश कर रहा था। वहां मौजूद होमगार्डों ने आग लगाने वाले युवक को बचाया और अस्पताल पहुंचाया, दूसरे बेटे को भी पकड़ लिया था। झुलसा युवक राजकीय मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। सचिव का दूसरा बेटा विकास भवन पर हंगामा करता रहा, अधिकारियों ने सिविल लाइन थाने की पुलिस बुला ली। वहां मौजूद युवक समेत दो लोगों को पुलिस जबरन पकड़कर थाने ले गई।

बिसौली कोतवाली क्षेत्र के गांव बाकरपुर निवासी राजेंद्र पाल शर्मा इस्लामनगर क्षेत्र के गांव सिठौली स्थित किसान सेवा सहकारी समिति पर प्रभारी सचिव के पद पर कार्यरत थे। अप्रैल 2020 में उन्हें दो गेहूं खरीद केंद्रों का चार्ज दिया गया था। दोनों केंद्रों पर करीब 7200 क्विटल गेहूं की खरीद की गई। जिसमें उनके द्वारा परिवहन भाड़ा, लेबर पल्लेदारी, मंडी आदि के खर्च का करीब छह लाख का भुगतान किया गया, लेकिन विभाग द्वारा उन्हें इसका भुगतान नहीं मिला। इस बीच उन्हें गबन के आरोप में एडीओ प्रदीप यादव ने निलंबित कर दिया था। इस पर राजेंद्र पाल शर्मा अपनी बहाली और बैंक के लेनदेन पर लगी रोक हटवाने के लिए अफसरों के कार्यालयों के एक साल से चक्कर काट रहे थे, कहीं कोई सुनवाई न होने पर बुधवार को राजेंद्र शर्मा अपने बेटे विपिन शर्मा, मनोज शर्मा, सचिन और पत्नी गुड्डो के साथ विकास भवन पहुंचे। प्रभारी एआर कोआपरेटिव मनोज उत्तम जैसे ही विकास भवन गेट से बाहर निकले अचानक विपिन शर्मा ने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली। जब तक होमगार्डों ने उसके कपड़े फाड़कर बचाया तब तक वह बुरी तरह झुलस चुका था। वह लोग विभागीय अधिकारियों पर उत्पीड़न करने का आरोप लगा रहे थे। विभाग पर निजी तौर पर खर्च किया गया लाखों रुपये का भुगतान न देने का आरोप लगा रहे थे। सूचना पर नगर मजिस्ट्रेट अमित कुमार, सीओ सिटी सीपी सिंह और इंस्पेक्टर संजीव शुक्ला फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस राजेंद्र पाल शर्मा और उसके बेटे मनोज शर्मा, सचिन शर्मा व पत्नी गुड्डो को थाने ले आई है। यहां पूछताछ कर रही है। समितियां सील कर वेतन पर लगा दी थी रोक

निलंबित सचिव राजेंद्र पाल शर्मा का आरोप है, उन्हें निलंबित करने के साथ ही उनकी दोनों समितियां सील कर दी गई थी। बाद में ताले तोड़कर चार्ज किसी और सचिव को दे दिया गया। उन्होंने सीएम पोर्टल समेत संबंधित अफसरों को दी गई प्रार्थना पत्रों में कहा था कि उन्हें एक अफसरों के कार्यालयों के चक्कर लगाते एक वर्ष बीत गया लेकिन उन्हें निर्दोष नहीं ठहराया गया और न ही कोई सुनवाई हुई। विकास भवन के अफसरों द्वारा जांच पड़ताल के नाम पर उन्हें गुमराह किया। इधर, दो माह पहले इस्लामनगर थाने में गबन का आरोप लगाते हुए एडीओ प्रदीप ने उनके खिलाफ तहरीर दी। हालांकि इस मामले में पुलिस की ओर से कागजी कार्रवाई पूरी न होने पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था। वर्जन

सहकारिता विभाग से जुड़ा मामला है। सचिव के परिवार के लोग बाहर आए और अचानक एक युवक ने आग लगा ली। उसे होमगार्डों ने बचाया और अस्पताल पहुंचाया गया। वह लोग बाहर ही बैठे थे, उनके पास तक नहीं आए थे। मामले की जानकारी कर कार्रवाई की जाएगी।

- निशा अनंत, मुख्य विकास अधिकारी

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